Success Story: प्राइवेट नौकरी के साथ की USPC की तैयारी, बिना कोचिंग बिहार की श्वेता बन गई IAS
Success Story: UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कई उम्मीदवार कई बार प्रयास करने के बाद भी UPSC एग्जाम क्रैक नहीं कर पाते।

Success Story: UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कई उम्मीदवार कई बार प्रयास करने के बाद भी UPSC एग्जाम क्रैक नहीं कर पाते।
लेकिन कई ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं जो फेल होने के बाद भी हार नहीं मानते और आखिरी समय तक मैदान में डटे रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसी IAS अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के UPSC परीक्षा पास की।
हम बात कर रहे है बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार की रहने वाली श्वेता भारती की। इन्होने बिना किसी कोचिंग के दिन में 9 घंटे की नौकरी के साथ संघर्ष करते हुए और रात में नींद को त्यागकर UPSC की तैयारी की। श्वेता ने UPSC 2021 में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 356 हासिल की और IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया।
बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार की रहने वाली श्वेता भारती बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थीं। उन्होंने पटना के ईशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री हासिल की।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उन्हें भारत की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी विप्रो में नौकरी मिल गई। जहां अधिकांश युवा MNC में करियर बनाने का सपना देखते हैं, वहीं श्वेता के मन में हमेशा सिविल सेवा में जाने की तीव्र इच्छा थी। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए उनके पास नौकरी छोड़ने का विकल्प नहीं था।
UPSC के लिए छोड़ी सुविधाएं
श्वेता भारती के लिए UPSC की तैयारी और नौकरी के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं था। ऑफिस में 9 घंटे काम करने के बाद भी उन्होंने हर रात खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया। सोशल मीडिया और दोस्तों से दूरी बना ली, और ध्यान भटकाने वाली हर चीज़ से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया।
उन्होंने अपनी दिनचर्या इस तरह बनाई कि सोने के घंटे कम किए, लेकिन पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाई। तैयारी के दौरान उन्होंने अपने स्मार्टफोन तक का इस्तेमाल बंद कर दिया ताकि ध्यान केवल एक ही लक्ष्य-IAS बनने पर केंद्रित रहे।
पहले BPSC, फिर UPSC- हर परीक्षा में सफलता
UPSC की तैयारी के दौरान ही, श्वेता ने BPSC 65वीं परीक्षा भी पास की और 65वीं रैंक के साथ कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के रूप में सरकारी सेवा में चयनित हो गईं. यह उनके लिए एक बड़ा अवसर था, लेकिन उनका सपना केवल यहीं तक सीमित नहीं था।
उन्होंने BPSC की नौकरी को अंतिम लक्ष्य न मानकर, UPSC की तैयारी जारी रखी। आखिरकार, उनकी लगातार मेहनत रंग लाई और UPSC 2021 में AIR 356 के साथ वह IAS अधिकारी बन गईं।
आज वे बिहार के भागलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं और लाखों युवाओं के लिए संघर्ष और सफलता की जीती-जागती प्रेरणा बन चुकी हैं।