राष्‍ट्रीय

Sunita Williams : सुनीता विलियम्स के धरती पर लाने के लिए नासा ने तैयार किया यह प्लान

सत्य खबर,नई दिल्ली ।

भारतीय मूल अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस में फंस गई हैं. सुनीता विलियम्स 5 जून को ‘स्टारलाइनर’ स्पेसक्राफ्ट के जरिए स्पेस मिशन के लिए रवाना हुई थीं. उनके साथ एक और अंतरिक्ष यात्री बुश विलमोर भी थे, जो मिशन कमांडर हैं. दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर करीब 8 दिन का वक्त बिताकर वापस लौटना था. पर अब तक दोनों की वापसी नहीं हो सकी है, इन दोनों अंतरिक्ष यात्री को वापस आने में अब महीनों का समय लग सकता है, क्योंकि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस मिशन का समय बढ़ाने पर विचार कर रहा है, अंतरिक्ष में फंसे अमेरिकी वैज्ञानिकों की धरती पर वापसी की संभावनाओं को लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। कुछ हफ्ते पहले अमेरिका का स्टारलाइनर कैप्सूल कई वैज्ञानिकों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन गया था। इसमें भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग के इंजीनियर्स को लॉन्चिंग के

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स्पेसक्रॉफ्ट में खराबी आने के कारण फंसा अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल

अमेरिका की ओर से विशेष मिशन पर अंतरिक्ष स्टेशन भेजे गए अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल वहीं स्पेसक्रॉफ्ट में खराबी आने के कारण फंस गया है। 5 जून को स्टारलाइनर का पहला मानव युक्त ट्रायल किया गया. सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर इस स्पेसक्राफ्ट से ISS के लिए रवाना हुए. हालांकि जब स्टारलाइनर को लॉन्च किया जा रहा था, तभी इसमें से हिलियम गैस लीक हो रही थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग के इंजीनियर्स को लॉन्चिंग के दौरान गैस लीक के बारे में पता था, पर तब उन्हें नहीं लगा कि यह कोई बड़ी समस्या है. पर यात्रा के दौरान स्पेसक्राफ्ट में 4 और जगह से हिलियम गैस का रिसाव होने लगा. अंतरिक्ष जाने वाले यात्रियों में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं। स्टारलाइनर कैप्सूल में खराबी आने के बाद सुनीता विलियम्स की वापसी की कितनी उम्मीदें शेष रह गई हैं, इसे लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। बता दें कि अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि उसके दो अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अभी और अधिक समय तक रुकेंगे, क्योंकि वे वहां अपनी यात्रा के दौरान बोइंग के नए अंतरिक्ष कैप्सूल में आई समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स नासा को भी सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं…

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विलियम्स और विल्मोर के करीब एक सप्ताह तक अंतरिक्ष में रहने का अनुमान था जो कैप्सूल की जांच करने के लिए पर्याप्त समय था, लेकिन अंतरिक्ष यान को चलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कैप्सूल की प्रणोदन प्रणाली में समस्याओं के कारण नासा और बोइंग को उनकी धरती पर वापसी की योजना कई बार स्थगित करनी पड़ी। इससे उनके सुरक्षित धरती पर वापस आने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स की राय नासा के स्टेटमेंट से बिल्कुल उलट है. उनके मुताबिक स्टारलाइनर में हिलियम गैस का रिसाव गंभीर समस्या की तरफ इशारा करता है. अगर गैस रिसाव का पता नहीं लगाया गया और इसे ठीक नहीं किया गया तो रिटर्न फ्लाइट में आग लगने की संभावना है. इस केस में सुनीता विलियम्स और विल्मोर की जान भी जा सकती है. एक्सपर्ट्स नासा को भी सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं, इधर इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सुनीता विलियम्स को कोई खतरा नहीं है. सोमनाथ ने कहा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में विलियम्स अकेली नहीं हैं. वहां पहले से कई अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं. उन्हें भी एक न एक दिन धरती पर लौटना है. ऐसे में इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि विलियम्स फंस गई हैं,नासा के मुताबिक फिलहाल उनके लिए किसी तरह का खतरा नहीं है. खाने-पीने की पर्याप्त चीजें उपलब्ध हैं. पर वापसी कब, कैसे और कितने दिनों में होगी, यह सबसे बड़ी चिंता का विषय बन चुका है

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