Sunita Williams Return: एलोन मस्क का अंतरिक्ष यान क्यों ला रहा है उन्हें, क्या इसरो भी कर सकता था यह मिशन?
Sunita Williams Return: नासा के अंतरिक्ष यात्री सूनिता विलियम्स और बैरी विलमोर की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। ये दोनों अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में दो महीने से अधिक समय से फंसे हुए थे। उन्हें अब स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान द्वारा पृथ्वी पर लाया जाएगा। जब इसरो प्रमुख से पूछा गया कि क्या भारत इस मिशन को पूरा कर सकता था, तो उन्होंने क्या जवाब दिया, जानिए।
स्पेसएक्स द्वारा वापसी
सूनिता विलियम्स और बैरी विलमोर की वापसी की योजना के तहत, नासा ने स्पेसएक्स के क्रू-9 ड्रैगन कैप्सूल का चयन किया है। सूनिता विलियम्स और बैरी विलमोर का प्रारंभिक मिशन बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान द्वारा शुरू किया गया था। हालाँकि, कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी पृथ्वी पर वापसी को स्थगित कर दिया गया और वे वर्तमान में अंतरिक्ष स्टेशन में 78 दिनों से अधिक समय से हैं। नासा ने अब उनकी वापसी की तारीख अगले साल फरवरी निर्धारित की है, और क्रू ड्रैगन अगले महीने लॉन्च होगा।
क्या इसरो भी कर सकता था यह मिशन?
स्पेसएक्स को विलियम्स और बैरी की वापसी के लिए चुना गया। क्या भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो भी इस मिशन को पूरा कर सकती थी? इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ से हाल ही में इस बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इसरो के पास इस प्रकार के मिशन को पूरा करने की क्षमता नहीं है।
इसरो की स्थिति
एस. सोमनाथ ने कहा कि वर्तमान में हम कुछ भी नहीं कर सकते। हमारे पास कोई ऐसा अंतरिक्ष यान नहीं है जो वहां जाकर उन्हें बचा सके। यह संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि केवल अमेरिका और रूस के पास ही ऐसे अंतरिक्ष यान हैं जो बचाव मिशन को पूरा कर सकते हैं।
स्टारलाइनर की तकनीकी खामियां
एस. सोमनाथ ने बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के बारे में कहा कि इसके साथ कुछ खामियां थीं। नासा जोखिम नहीं लेना चाहता था क्योंकि वापसी जाना से अधिक खतरनाक होती है और स्टारलाइनर को लॉन्च से पहले ही कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण मिशन को कई बार स्थगित किया गया।