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सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को लगाई फटकार, कहा-मंत्री को अंजाम पता होना चाहिए

सत्य खबर/नई दिल्ली:

सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि को फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि आप आम आदमी नहीं है। आप मंत्री हैं और आपको इसका अंजाम पता होना चाहिए।

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के संबंध में विवादित बयान देते हुए इसे मिटाने की बात कही थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था और अब इस मामले में अदालत में उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

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सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करने के बाद उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ विभिन्न राज्यों में अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे। इसी मामले में उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट से सभी एफआईआर की एक साथ सुनवाई करने की अपील की है। हालांकि कोर्ट ने स्टालिन को फटकार लगाते हुए कहा कि आप अभिव्यक्ति के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करें और फिर अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के पास सुरक्षा के लिए आते हैं। आप आम आदमी नहीं हैं बल्कि मंत्री हैं और आपको इसका अंजाम पता होना चाहिए।

स्टालिन के वकील की दलील

स्टालिन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर एक साथ जोड़ने की दलील देने के लिए अर्णब गोस्वामी मोहम्मद जुबेर और अन्य मामलों में दिए गए फैसलों का हवाला दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि स्टालिन को हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए। इस पर सिंघवी का कहना था कि अगर मुझे कई हाईकोर्ट जाना पड़ा तो मैं बंध हो जाऊंगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है।

स्टालिन के इस बयान पर पैदा हुआ विवाद

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उदयनिधि स्टालिन ने पिछले साल सितंबर महीने के दौरान सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था उन्होंने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से सनातन धर्म की तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि इसके विरोध की नहीं बल्कि इसके सफाये की जरूरत है।

उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता। इन्हें सिर्फ समाप्त किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छड़ों, मलेरिया और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे समाप्त करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना होगा।
उनके इस विवादित बयान पर पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके सभी एफआईआर एक साथ जोड़ने की गुहार लगाई है। अब सबकी निगाहें इस मामले में 15 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई पर लगी हुई हैं।

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