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जानें नीतीश कुमार के 10 सिग्नल में ‘पाला बदलने’ का राज

सत्य खबर/ पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने जा रहे हैं. इन दिनों राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार के पाला बदलते ही बिहार में बना महागठबंधन टूट जाएगा, जिसका सीधा असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. महागठबंधन में लालू यादव की राजद, नीतीश कुमार की जदयू, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं। दावे किये जा रहे हैं कि नीतीश फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं.

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व गुरुवार को काफी सक्रिय रहा. बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई. देर शाम तक चली बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए. वहीं, नीतीश के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने पाला बदलने के संकेत देने शुरू कर दिए थे. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही 10 संकेतों के बारे में.

जब भारत सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की तो नीतीश कुमार ने तुरंत ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना खुशी की बात है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं.

कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनके गांव पहुंचे नीतीश ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर की ओर इशारा करते हुए कहा कि कर्पूरी जी ने कभी अपने बेटे को आगे नहीं बढ़ाया. उन्होंने कभी भी अपने परिवार को पहले नहीं रखा। वह सिद्धांतों पर काम करने वाले व्यक्ति थे. इसे लालू परिवार पर तंज के तौर पर देखा गया.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लेकर बिहार आ रहे हैं. उनकी यात्रा पूर्णिया से गुजरने वाली है, जहां नीतीश के शामिल होने की उम्मीद थी। हालांकि, बिहार के सीएम उस दिन दूसरे काम में व्यस्त रहने वाले हैं, जिसके कारण वह यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे.

नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना में कैबिनेट बैठक की, जो सिर्फ 25 मिनट तक चली. इसके बाद न तो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और न ही कोई पत्र जारी किया गया जिसमें यह जानकारी हो कि किन-किन एजेंडों को मंजूरी दी गई है. इसे भी नीतीश के नाराज होने की वजह माना गया.

जेडीयू नेता भी इन दिनों बीजेपी को लेकर ज्यादा बयानबाजी नहीं कर रहे हैं. अगर वह कुछ कह रहे हैं तो वह नरम लगता है. जेडीयू नेता और बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि नीतीश के लिए दरवाजे बंद हो गये हैं.

बिहार में जेडीयू ने साफ कर दिया है कि वह 16 सीटों से कम पर समझौता नहीं करने वाली है. कांग्रेस चाहती है कि उसे बिहार की 40 में से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिले, लेकिन जेडीयू इसके खिलाफ है.

नीतीश कुमार मंगलवार को अचानक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने पहुंच गए. बताया गया कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के मुद्दे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई. हालाँकि इसके कई मायने निकाले गए.

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नीतीश कुमार की रैली 4 फरवरी को झारखंड के रामगढ़ में होने वाली थी, जिसे रद्द कर दिया गया है. यह जानकारी भी नहीं दी गयी कि झारखंड दौरा रद्द करने के पीछे क्या कारण है.

कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित रैली में नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारी एक मांग मान ली है. हम चाहते हैं कि दूसरी मांग भी मान ली जाए. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ काम करते हैं और काम करते रहेंगे. राज्य हित में जो भी करना होगा हम करते रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को बिहार के बेतिया में रैली करने जा रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. इस रैली में नीतीश कुमार पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने वाले हैं.

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