राष्‍ट्रीय

हरियाणा में अवैध निजी स्कूलों की भरमार हाईकोर्ट के डंडे का भी डर नहीं सरकार को?

 

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:

हरियाणा के गुरुग्राम जिले सहित सभी जिलो में बिना सरकार से मान्यता के चल रहे करीब चार हजार निजी स्कूलों के संबंध में हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर अभी तक बंद नहीं कराया गया है। इसका खुलासा आरटीआई एक्ट 2005 के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। जिसमें उपलब्ध सूचना से बताया गया है कि अभी भी राज्य में कोई भी स्कूल बंद नहीं कराया गया है।

जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने वर्ष 2017 में संगठन सहित अन्य की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई गई थी। जिसपर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था। जिस पर हरियाणा सरकार की तरफ से 20 फरवरी 2024 को शपथ पत्र देकर यह कहा था कि शिक्षा सत्र 2024-25 में किसी भी जिले में बिना मान्यता के स्कूल को नहीं चलने दिया जाएगा। अगर कोई स्कूल बिना मान्यता के संचालित किया जाता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसपर आवेदक का कहना था कि उसने 3 अप्रैल 2024 को सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय से आरटीआई एक्ट 2005 के तहत कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिसमें यह पूछा गया था कि प्रदेश भर में चल रहे बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों पर अब तक क्या कार्रवाई की है, इसके जवाब में शिक्षा निदेशालय ने कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे साफ जाहिर है कि सरकार और अधिकारियों के संरक्षण में ही बिना मान्यता स्कूल धडल्ले से चल रहे हैं, जिन्हें न तो बंद कराया है न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है। बृजपाल सिंह परमार का कहना था कि सरकार ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद भी बिना मान्यता वाले स्कूलों पर कार्रवाई नहीं कर न्यायालय के आदेशों की अवमानना की है। संगठन इस मामले में न्यायालय को गुमराह करने और बिना मान्यता वाले स्कूलों पर कार्रवाई कराने के लिए फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। वहीं आरटीआई आवेदन में भी उल्टा पुल्टा आधा अधूरा जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

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