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हरियाणा में चुनाव परिणाम आते ही नपेगें ये अधिकारी

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
हरियाणा लोकसभा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद सूबे की अफसरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। मुख्यमंत्री कार्यालय में अफसरों की लिस्ट तैयार हो रही है। लिस्ट तैयार होने के बाद सीएम नायब सैनी के साथ चर्चा होगी। इसके बाद ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।

सीएमओ के सूत्रों का कहना है कि इस ट्रांसफर लिस्ट में 11 जिलों के डीसी और 2 कमिश्नरों के नाम हैं। इसके अलावा कुछ विभागों के अध्यक्षों के भी ट्रांसफर किए जाने के आसार हैं। इसके अलावा पुलिस रेंज में तैनात एडीजीपी – आईजी भी बदले जाएंगे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में भी एक-दो नए अफसर तैनात कर सकते हैं। हरियाणा में ब्यूरोक्रेसी को लेकर बदलाव की वजह लोकसभा चुनाव बताए जा रहे हैं। सरकार को इनपुट मिला है कि चुनाव में ब्यूरोक्रेसी के कुछ अफसरों ने सरकार के खिलाफ काम किया है। चर्चा है कि अफसरशाही भी लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अपने व्यवहार में बदलाव कर सकती है।

ये दिल्ली जाने के इच्छुक
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर फिलहाल केंद्र जाने वाले हैं। तब तक वह इसी पद पर बने रह सकते हैं। हरियाणा कैडर के 2000 बैच के आईएएस नितिन यादव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। वह इस समय चंडीगढ़ में गृह सचिव पद पर हैं। हरियाणा कैडर के 2002 बैच के टीएल सत्यप्रकाश और मोहम्मद शाईन भी केंद्र में जाने के इच्छुक हैं।

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चंडीगढ़ में गृह सचिव पद के लिए अफसरों के नाम का पैनल जाना है। अभी मुख्यमंत्री सैनी ने इस पैनल के लिए नाम तय नहीं किए हैं, लेकिन चर्चा है कि डॉ. अमित अग्रवाल और मंदीप सिंह बराड़ में से एक अफसर चंडीगढ़ गृह सचिव के लिए जा सकता है।

चंडीगढ़ के गृह सचिव नितिन यादव को वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली ट्रांसफर किया गया है। इसके बाद यूटी की ओर से हरियाणा सरकार से गृह सचिव के लिए पैनल मांगा गया है।

हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर नाराज चल रहे हैं। उनकी यह नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी। पहले पूर्व सीएम खट्‌टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं।

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सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। इसकी चर्चा भी सियासी गलियारों में होने लगी है। सीएम सैनी ने पंचकूला में भाजपा की रिव्यू मीटिंग के बाद सीधे-सीधे प्रदेश के अधिकारियों को निशाने पर ले लिया। सीएम की इस नाराजगी को लेकर हरियाणा सचिवालय की ब्यूरोक्रसी में भी हलचल है।

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