सत्य खबर, नई दिल्ली ।This young man got the tickets of this family which had been taking Congress ticket for 50 years canceled
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनावी सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही हैं। राजस्थान चुनाव में अब मात्र कुछ दिन शेष बचे हैं और सभी दल भी टिकट वितरण के अपने अंतिम पड़ाव पर है। कांग्रेस पार्टी में हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता आया है, लेकिन इस आरोप पर और कहीं विराम लगा या नहीं, परंतु अजमेर की नसीराबाद विधानसभा में कांग्रेस इस आरोप से मुक्त हो गई। पार्टी ने यहां पिछले 50 साल से एक ही परिवार से टिकट ले रहे दावेदारों को इस बार दरकिनार नये युवा चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा है।
50 साल से थे टिकट के दावेदार
नसीराबाद के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेता गोविंद सिंह गुर्जर से इसकी शुरुआत हुई। 1977 में पहली बार कांग्रेस ने गोविंद सिंह गुर्जर को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे यह चुनाव हार गए। लेकिन, गुर्जर को कांग्रेस ने वापस 1980 में अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार गोविंद सिंह गुर्जर इस विधानसभा सीट से जीत गए और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। गोविंद सिंह गुर्जर इस विधानसभा सीट से 1980 से लेकर 2008 तक लगातार छह बार विधायक रहे। उसके बाद कांग्रेस ने उम्र का तकाजा देखते हुए गोविंद सिंह गुर्जर को पांडिचेरी का राज्यपाल बना दिया। लेकिन, इसके बाद भी कांग्रेस किसी दूसरे उम्मीदवार को टिकट नहीं देते हुए गोविंद सिंह के परिवार से ही हर विधानसभा चुनाव में टिकट देते रहे। 2008 में एक बार फिर कांग्रेस ने गोविंद सिंह गुर्जर के भाई महेंद्र सिंह गुर्जर को टिकिट दिया और उन्होंने बड़े जाट नेता सांवर लाल जाट को केवल 72 मतों से हराया। 2013 में एक बार फिर से कांग्रेस ने महेंद्र सिंह गुर्जर को टिकिट दिया लेकिन इस बार सांवर लाल जाट ने महेंद्र सिंह को हरा दिया।
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उसके बाद भाजपा ने सांवर लाल जाट को अजमेर लोकसभा से सांसद का चुनाव लड़ाया और इस सीट पर उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर गोविंद सिंह गुर्जर के परिवार से उनके भाई रामनारायण गुर्जर को टिकिट दिया और वे चुनाव जीत गए। 2018 में एक बार फिर रामनारायण गुर्जर को कांग्रेस से टिकिट मिला लेकिन इस बार वे चुनाव हार गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी इसी गुर्जर परिवार से टिकिट मिलने की पूरी संभावनाएं थी, लेकिन कांग्रेस ने इस बार परिवारवाद पर विराम लगाते हुए नये युवा चेहरे को टिकिट दिया। नसीराबाद विधानसभा के लोगों को ये विश्वास ही नहीं हुआ कि कांग्रेस ऐसा कर सकती है। लेकिन इस बार कांग्रेस के इस फैसले से सभी अचरज में पड़ गए।
युवा चेहरे पर लगाया कांग्रेस ने दाव
2023 के इस विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने 28 साल के युवा शिवप्रकाश गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाया है। शिवप्रकाश गुर्जर 2018 में एनएसयूआई से राजकीय महाविद्यालय अजमेर से छात्र संघ का चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने। इसके बाद से ही शिवप्रकाश गुर्जर सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने और लगातार कांग्रेस के लिए कार्य कर रहे हैं। शिवप्रकाश गुर्जर को पायलट खेमे का माना जाता है ओर कयास ये भी लगाए जा रहे है कि पायलट की वजह से ही शिवप्रकाश को इस बार कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है ।
युवा के सामने युवा
भाजपा ने इस सीट पर सांवरलाल जाट के पुत्र रामस्वरूप लाम्बा को दूसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है। रामस्वरूप के सामने उनके ही हमउम्र शिवप्रकाश गुर्जर को कांग्रेस ने टिकिट दिया है। दोनों के बीच मुकाबला रोचक होगा लेकिन अब इस सीट पर कांग्रेस परिवारवाद के आरोप से मुक्त हो गई जो उसके लिए फायदेमंद हो सकता है।