Today is Sankashti Chaturthi
सत्य खबर, हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इसे गणापती या गणाधिप संकष्ठी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा अराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है. इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से भक्तों के जीवन में आने वाली हर समस्या दूर होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से विघ्नहर्ता श्री गणेश किसी भी कार्य में आ रही रुकावट को दूर करते हैं. साथ ही सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है.Today is Sankashti Chaturthi
आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है.
Also check these news links:
टीवी अभिनेता सिद्धांत वीर सूर्यवंशी की मौत, जानिए कैसे हुई
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने गुरुग्राम में लगाई अधिकारियों की क्लास
हॉरर फिल्म देख बेटे ने की मां की हत्या, 15 मिनट लगातार करता रहा बैट से वार
संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि 11 नवंबर 2022 रात आठ बजकर 17 मिनट से लगी है और ये 12 नवंबर 2022 को रात 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. संकष्टी चतुर्थी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह आठ बजकर दो मिनट से लेकर सुबह नौ बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर एक बजकर 26 मिनट से लेकर शाम चार बजकर आठ मिनट तक भी पूजा के लिए उत्तम समय है.
चंद्रोदय का समय
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है और दिन भर व्रत रखा जाता है. इसके बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. इस बार गणाधिश संकष्टी चतुर्थी के दिन रात को 8 बजकर 21 मिनट पर चंद्रोदय होगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़कें।
भगवान गणेश को वस्त्र पहनाएं और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
दूर से गणेश जी का तिलक करें व पुष्प अर्पित करें।
इसके बाद भगवान गणेश को 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें। गणेश जी को घी के मोतीचूर के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें और पूजन में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे।Today is Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रख कर पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन विदि-विधान से पूजन किया जाता है. मार्गशीर्ष माह की संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
संकष्टी चतुर्थी गणेश मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं
गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थजम्बूफलसार भक्षितम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारणं,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम ।
गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम ।
Recycled aluminium products Aluminium scrap regulations Scrap metal remodeling
Scrap metal reclamation processes Ferrous material recycling experimentation Iron recycling and renewal
Ferrous material identification, Iron scrap reprocessing plant, Scrap metal buyback