सत्य खबर नई दिल्ली। Today’s Hindu Calendar
⛅दिनांक – 09 अप्रैल 2023
⛅दिन – रविवार
⛅विक्रम संवत् – 2080
⛅शक संवत् – 1945
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – वसंत
⛅मास – वैशाख (गुजरात, महाराष्ट्र में चैत्र)
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – तृतीया सुबह 09:35 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅नक्षत्र – विशाखा दोपहर 02:00 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग – सिद्धि रात्रि 10:14 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅राहु काल – शाम 05:24 से 06:58 तक
⛅सूर्योदय – 06:25
⛅सूर्यास्त – 06:58
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:39 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 से 01:04 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – संकष्टी चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 10:08), व्यतिपात योग
⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔸संकष्टी चतुर्थी – 09 अप्रैल 2023🔸
🔸क्या है संकष्टी चतुर्थी ?
🔹संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
🔹इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।
🔸संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि🔸
🔹गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं ।
👉 इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएँ ।
👉 व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें । इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है ।
👉 स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें । गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ।
👉 सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें ।
👉 पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें ।
👉 ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें । ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है ।
👉 गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें ।
👉 संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं ।
👉 गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें ।
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
👉 पूजा के बाद आप फल फ्रूट्स आदि प्रसाद सेवन करें ।
👉 शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें ।
👉 पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें । रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है ।
🌹 व्यतिपात योग – 09 अप्रैल 2023 🌹
🌹 पुण्यकाल : 09 अप्रैल रात्रि 10:14 से 10 अप्रैल रात्रि 08:12 तक ।
🌹व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 01 लाख गुना होता है ।
वाराह पुराण
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है । Today’s Hindu Calendar
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