Tragic accident in Ludhiana: माता के जागरण के दौरान पंडाल गिरने से दो महिलाओं की मौत, 15 घायल
Tragic accident in Ludhiana: शनिवार की देर रात लुधियाना के हम्ब्रान रोड स्थित श्री गोबिंद गौधाम मंदिर के पास माता के जागरण के दौरान एक पंडाल गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई और करीब 15 लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब तेज आंधी चली और पंडाल ढह गया। मरने वाली महिलाओं की पहचान ऋषि नगर की रहने वाली रजनी और द्वारका एन्क्लेव की सुनीता कुमारी के रूप में हुई है। घायलों में ज्यादातर बच्चे बताए जा रहे हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसा माता के जागरण के दौरान हुआ
यह दर्दनाक हादसा माता के जागरण के दौरान हुआ, जो गोबिंद गौधाम मंदिर के पीछे स्थित खाली मैदान में आयोजित किया गया था। यह आयोजन स्थानीय निवासियों द्वारा किया गया था। शनिवार की रात जागरण में लोग भजन-कीर्तन और नृत्य में मग्न थे। इसी बीच, रात करीब 2 बजे अचानक तेज आंधी आ गई। आंधी आते ही वहाँ मौजूद लोग घबराकर उठने लगे और बाहर जाने की कोशिश करने लगे।
लोगों ने दोबारा बैठने की कोशिश की
हादसे के चश्मदीदों के मुताबिक, जब लोग आंधी के चलते उठकर जाने लगे, तब जागरण पार्टी के गायक और अन्य लोगों ने सभी को बैठने की अपील की। उनकी बात मानकर महिलाएं और बच्चे वापस अपनी जगह पर बैठ गए। हालांकि, यह फैसला उनके लिए घातक साबित हुआ, क्योंकि कुछ ही देर बाद आंधी और तेज हो गई और पंडाल गिर गया।
चारों ओर मची चीख-पुकार
तेज हवा के चलते कुछ ही पलों में पंडाल भरभराकर गिर पड़ा। यह पंडाल लोहे के खंभों और भारी संरचना से बना था, जिसके कारण नीचे बैठे लोगों को गंभीर चोटें आईं। जैसे ही पंडाल गिरा, मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर चीख-पुकार सुनाई देने लगी और लोग इधर-उधर भागने लगे। खासकर बच्चों और महिलाओं में भारी घबराहट फैल गई।
मदद के लिए जुटे लोग
हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों ने तत्काल घायलों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। लोहे की भारी संरचना के नीचे दबे लोगों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पता चला कि दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो चुकी है, जबकि करीब 15 लोग घायल हो गए थे। घायलों में ज्यादातर बच्चे थे, जो पंडाल के सामने की पंक्तियों में बैठे थे। घायलों को तुरंत शहर के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पंडाल की संरचना कमजोर थी और तेज आंधी का दबाव सहन नहीं कर सकी, जिसके कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए और आयोजकों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही, मृतक महिलाओं के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
जागरण आयोजकों की लापरवाही
इस हादसे के बाद जागरण आयोजकों पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंडाल की संरचना मजबूत नहीं थी और आयोजकों ने सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा। पंडाल गिरने के बाद जागरण पार्टी के सदस्यों ने भी तत्काल मदद करने की बजाय वहां से भागने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
बच्चों में फैली दहशत
इस हादसे का सबसे गहरा असर बच्चों पर पड़ा है, जो जागरण के दौरान अपने परिवार के साथ पंडाल के सामने बैठे थे। हादसे के बाद कई बच्चे सदमे में आ गए और उनकी हालत काफी बिगड़ गई। डॉक्टरों के मुताबिक, घायलों में कुछ बच्चों को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि कुछ को मानसिक आघात पहुंचा है। चिकित्सकों ने सभी घायलों का इलाज शुरू कर दिया है और बच्चों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मृतकों के परिवारों में शोक
इस हादसे में जान गंवाने वाली रजनी और सुनीता के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों महिलाएं जागरण में अपने परिवार के साथ आई थीं, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने उनकी जान ले ली। मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। रजनी के परिवार वालों का कहना है कि वे जागरण में सिर्फ माता का आशीर्वाद लेने गई थीं, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी रात साबित होगी। वहीं, सुनीता के परिवार ने प्रशासन से न्याय की मांग की है और इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का बयान
प्रशासन ने इस घटना को बेहद दुखद बताया है और घायलों के बेहतर इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जिला अधिकारी ने कहा है कि इस हादसे की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भविष्य में इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।