नहीं रही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे,जानिए कब और कैसे गई जान
सत्य खबर,चंडीगढ़ ।
माधवी राजे सिंधिया का नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में बुधवार सुबह निधन हो गया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे लंबे समय से बीमार चल रहीं थी. बीते कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर हो गई थी और वह वेंटिलेटर पर थीं. उनको निमोनिया हो गया था. इस बीमारी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई थी. जिससे उनकी मौत हो गई. आइए जानते हैं निमोनिया क्या है. कैसे ये बीमारी होती है और किन हालातों में मौत का कारण बन जाती है.
आमतौर पर निमोनिया की बीमारी बच्चों में ज्यादा होती है. लेकिन ये बीमारी किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, निमोनिया फेफड़ों की बीमारी है. इस डिजीज के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है. निमोनिया होने पर लंग्स में किसी तरह का फ्लूड यानी तरल पदार्थ जमा हो जाता है. इस वजह से लंग्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं. शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है. इससे मरीज को काफी परेशानी होती है.
निमोनिया होने के बाद सांस बहुत तेजी से आती है और सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है. एक सामान्य इंसान एक मिनट में 12 से 15 बार सांस लेता है, लेकिन निमोनिया में सांस लेने की दर इससे दोगुना तक हो सकती है.
तीन तरह का होता है निमोनिया
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ जुगल किशोरबताते हैं कि निमोनिया तीन तरह का होता है. एक होता है बैक्टीरियल निमोनिया, दूसरा वायरल निमोनिया और तीसरा फंगस के कारण फंगल निमोनिया. इनमें बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया के मामले ही ज्यादा आते हैं. बैक्टीरियल निमोनिया में लंग्स में सफेद रंग के धब्बे बनने लगते हैं. इस निमोनिया में लंग्स के किसी एक तरफ ये धब्बे होते हैं. जबकि वायरल निमोनिया में दोनों फेफड़ों पर असर होता है.
बैक्टीरियल निमोनिया न्यूमोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है. वायरल निमोनिया वायरस की वजह से होता है. शरीर में फ्लू करने वाले वायरस निमोनिया कर सकते हैं. अगर फ्लू के बाद खांसी की समस्या हो जाती है और लंग्स में इंफेक्शन होने लगता है तो इसका मतलब होता है कि फ्लू वाला वायरस निमोनिया भी कर रहा है.