खेती-बाड़ी

White Rust: सरसों की फसल में सफेद रतुआ से कैसे करें बचाव? जानें एक्सपर्ट की राय

White Rust: सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग के कारण किसानों को उत्पादन में गिरावट का डर सताता है। इस समस्या को पहचानने और समय रहते समाधान करने से फसल को बचाया जा सकता है।

सफेद रतुआ (White Rust) के लक्षण

सफेद रतुआ पत्तों पर गोल सफेद छल्ले बनने लगते हैं। पत्तियों का पीला पड़ना, जो आमतौर पर पुरानी पत्तियों से शुरू होता है। रोग के बढ़ने से पौधों की पत्तियों का विकास रुक जाता है, और फली में दाने कम बनते हैं।

इस तरह करें बचाव

सफेद रतुआ से बचाव के लिए संक्रमित पत्तियों को नष्ट करें। पुरानी और संक्रमित पत्तियों को तुरंत तोड़कर फसल से अलग कर नष्ट करें। 2 ग्राम मेंकोजेब प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

अगर अन्य रोग भी दिखें तो सल्फर 80 WDG 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर 7 दिनों के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. आई.के. कुशवाहा ने सुझाव दिया है कि अगर समस्या अधिक व्यापक हो, तो तुरंत फफूंदी नाशक रसायनों का उपयोग करें और अन्य संक्रमण को रोकने के लिए सतर्क रहें।

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