सत्य खबर, नई दिल्ली।
Why do we fly kites on Makar Sankranti संक्रांति भारत वर्ष में मनाया जाने वाला बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्राति के दिन ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार धूमधाम से मनाया जाता है. इसी दिन से खरमास खत्म हो जाता है और शुभ काम फिर से शुरू हो जाते हैं. इस दिन लोगों द्वारा घरों में गुड़ और तिल के लड्डू बनाये और खाये जाते हैं. मकर संक्रांति पर सिर्फ गुड़ और तिल के लड्डू ही नहीं बनाये जाते, बल्कि इस पर्व से जुड़ी एक और बात है, जो बहुत प्रसिद्द है. वो है इस दिन पतंग उड़ाना.
देश भर में पतंग उड़ाने की भी है परंपरा
मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व होता है. इस दिन देश भर में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. कही-कहीं तो इस दिन पतंग उड़ाने की बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं. आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है.
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पतंग उड़ाने का संदेश
पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को खुशी का संदेश दिया जाता है.
वैज्ञानिक महत्व
अगर बात करें वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तो पतंग उड़ाने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है. पतंग उड़ाने से दिमाग और दिल का संतुलन बना रहता है. पतंग को धूप में उड़ाया जाता है, जिससे हमारे शरीर को विटामिन-डी भरपूर मात्रा में मिलता है और स्किन से सम्बंधित बीमारियां नहीं होती हैं.
मकर संक्रांति का पर्व ठण्ड में पड़ता है और ठण्ड में हमारे शरीर में कफ की मात्रा बढ़ जाती है और त्वचा भी रूखी हो जाती है. मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं. इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं. इसलिए इस पर्व पर पतंग उड़ाने को शुभ माना जाता है. Why do we fly kites on Makar Sankranti
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