सत्य खबर,नई दिल्ली।Why doesn’t Punjab want Vikram Brar’s custody?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के खास सहयोगी विक्रम बराड़ को निर्वासित करने के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें एनआईए और पंजाब पुलिस आमने-सामने हैं। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने के दावे पर पंजाब पुलिस और एनआईए की जांच में कई बातें सामने आ रही हैं. एक तरफ एनआईए का दावा है कि विक्रम बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गोल्डी बराड़ का साथ दिया था. वहीं, पंजाब पुलिस की जांच में विक्रम का नाम न तो मूसेवाला हत्याकांड की एफआईआर में है और न ही चार्जशीट में.
पंजाब पुलिस के सूत्रों की मानें तो पंजाब पुलिस विक्रम बराड़ को प्रोडक्शन वारंट पर नहीं लाएगी क्योंकि ना तो विक्रम बराड़ का नाम एफआईआर में है और ना ही इस हत्याकांड से उसका कोई लेना-देना सामने आया है. हाल ही में एनआईए ने कहा था कि डिपोर्ट किया गया विक्रम बराड़ भी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल था. विक्रम बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए ‘कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम’ के रूप में काम कर रहा था। इसके जरिए बरार लॉरेंस और गोल्डी बरार को कॉल की सुविधा मुहैया करा रहा था।
एनआईए की जांच के मुताबिक, 2020-22 में विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गोल्डी बराड़ की सक्रिय मदद की थी, लेकिन पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि हत्याकांड में पंजाब पुलिस विक्रम बराड़ का मूसेवाला प्रोडक्शन वारंट नहीं मांगेगी.
मूसेवाला हत्याकांड की एफआईआर और कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में गैंगस्टर बराड़ का नाम नहीं है. पंजाब पुलिस के पुख्ता सूत्रों की मानें तो मूसेवाला हत्याकांड में विक्रम बराड़ की कोई सीधी भूमिका सामने नहीं आई है.