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Karnataka विधानमंडल का शीतकालीन सत्र, विपक्ष ने उठाए कई गंभीर मुद्दे, MUDA घोटाला प्रमुख

Karnataka राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से बेलगावी में शुरू होने जा रहा है, जो महाराष्ट्र सीमा के निकट स्थित है। इस सत्र में पांच विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें तीन निजी विधेयक और दो अध्यादेश प्रतिस्थापन विधेयक शामिल हैं। यह सत्र राजनीतिक हलकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चर्चा का विषय बन सकता है, खासकर जब विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (एस) सरकार को कई गंभीर मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रहे हैं।

विधानसभा में पेश होंगे पांच विधेयक

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष उटी खाड़ेर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि सत्र के दौरान तीन निजी विधेयक पेश किए जाएंगे। इन विधेयकों को विधायकों द्वारा प्रस्तुत किया गया है, और इन्हें स्वीकार कर लिया गया है। पहला विधेयक, जो कि दरशन पुत्तन्नैया द्वारा प्रस्तुत किया गया है, कर्नाटक में जलवायु परिवर्तन से संबंधित है। दूसरा विधेयक, जिसे एमवाई पटिल ने प्रस्तुत किया है, गंगापुर दत्तात्रेय विकास प्राधिकरण से संबंधित है। तीसरा विधेयक, एचके सुरेश द्वारा पेश किया गया है, जो बेलुर हलेबीडू क्षेत्र विकास प्राधिकरण से संबंधित है। इसके अलावा, दो अध्यादेश प्रतिस्थापन विधेयक भी विधानसभा में पेश किए जाएंगे।

Karnataka विधानमंडल का शीतकालीन सत्र, विपक्ष ने उठाए कई गंभीर मुद्दे, MUDA घोटाला प्रमुख

विधानसभा की सुरक्षा और व्यवस्थाएं

विधानमंडल के सत्र के संचालन के लिए करीब 2,500 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 8,500 लोग तैनात किए गए हैं, जिनमें 6,000 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कर्नाटक विधानसभा में महात्मा गांधी की शताब्दी समारोह के तहत 100 तस्वीरों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें गांधी जी की अध्यक्षता में बेलगावी (तत्कालीन बेलगाम) में कांग्रेस का सत्र मनाया जाएगा।

विपक्षी दलों का हमला: MUDA घोटाला, वक्फ बोर्ड और बेल्लारी मेडिकल कॉलेज मुद्दे

कर्नाटक विधानमंडल का शीतकालीन सत्र राजनीतिक रूप से गर्म रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (एस) कई मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरेंगे। इनमें प्रमुख मुद्दे हैं: MUDA घोटाला, वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों और संस्थाओं को जारी नोटिस, और बेल्लारी मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर में पांच मातृ मृत्यु की घटनाएं। विपक्षी दलों का आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्य MUDA घोटाले में संलिप्त हैं।

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MUDA घोटाला: 700 करोड़ का घोटाला

MUDA (मायसूर शहरी विकास प्राधिकरण) घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी परवती बीएम, उनके साले मल्लीकरुणा स्वामी और अन्य पर आरोप हैं। यह आरोप हैं कि परवती को मयसूर शहर के प्रमुख स्थानों पर 14 साइटें दी गईं, बदले में उनके द्वारा तीन एकड़ और 16 गंटा भूमि को ‘अधिग्रहित’ किया गया। इस मामले में, परवती ने MUDA से इन साइटों को वापस लेने के लिए पत्र भी लिखा है।

इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और लोकायुक्त पुलिस इस मामले की जांच कर रहे हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि MUDA भूमि लेन-देन में 700 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े अनियमितताएं हुई हैं। इन अनियमितताओं के बारे में ED ने लोकायुक्त पुलिस को जानकारी दी है, और यह मामला राजनीतिक रूप से गर्माता जा रहा है।

विपक्ष की रणनीति: सरकार को घेरने की तैयारी

विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (एस) सत्र के दौरान सरकार को इन गंभीर मुद्दों पर घेरने के लिए तैयार हैं। MUDA घोटाले से लेकर वक्फ बोर्ड के मुद्दों तक, ये सभी मुद्दे विपक्ष के लिए सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करने का एक अवसर हो सकते हैं। इसके अलावा, बेल्लारी मेडिकल कॉलेज में पांच मातृ मृत्यु की घटनाएं भी विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकती हैं, जिसमें सरकार की लापरवाही को उजागर किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में इस घोटाले को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी, और उन्होंने यह कहा था कि वह अपने परिवार के खिलाफ किसी भी आरोप को गंभीरता से लेंगे और पूरी तरह से कानून का पालन करेंगे। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि सिद्धारमैया के परिवार का नाम इस घोटाले में जुड़ा हुआ है, और इसकी जांच में पारदर्शिता की कमी है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार पर आरोप

MUDA घोटाले के आरोपों के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्य, विशेष रूप से उनकी पत्नी परवती और साले मल्लीकरुणा स्वामी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि इन लोगों ने MUDA से घूस लेकर 14 प्राइम लोकेशन पर जमीनों को प्राप्त किया। परवती ने इसके बाद इन जमीनों को MUDA से वापस लेने के लिए पत्र भी लिखा, लेकिन सवाल यह है कि यह अनियमितता इतनी बड़ी कैसे हो सकती है और क्यों प्रशासन ने इसे नजरअंदाज किया।

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सरकार का जवाब और विपक्ष की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घोटाले के आरोपों को नकारा करते हुए कहा है कि वह और उनके परिवार ने किसी भी प्रकार की गलत गतिविधि में शामिल नहीं हैं। हालांकि, विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (एस) ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। वे इसे भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण मानते हुए मुख्यमंत्री और उनके परिवार की जांच की मांग कर रहे हैं।

सत्र के दौरान अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे

इस शीतकालीन सत्र में केवल MUDA घोटाला ही नहीं, बल्कि कई अन्य मुद्दों पर भी बहस हो सकती है। इनमें से प्रमुख मुद्दों में वक्फ बोर्ड के किसानों और संस्थाओं को जारी किए गए नोटिस, और बेल्लारी मेडिकल कॉलेज में हुई मौतें शामिल हैं। विपक्षी दल इन मुद्दों को लेकर सरकार को निशाने पर ले सकते हैं और इस सत्र के दौरान कई सवालों के जवाब मांग सकते हैं।

कर्नाटक विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस बार कई मुद्दों पर राजनीतिक उबाल ला सकता है। विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (एस) द्वारा उठाए जाने वाले आरोप और मुद्दे इस सत्र को रोचक बना सकते हैं। MUDA घोटाला और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के परिवार पर लगे आरोपों के साथ-साथ अन्य मुद्दे भी इस सत्र के दौरान चर्चा का केंद्र बन सकते हैं। यह सत्र कर्नाटक के राजनीतिक भविष्य के लिए अहम साबित हो सकता है, क्योंकि इन मुद्दों पर उठने वाली बहस से राज्य की राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं।

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