सत्यखबर,रोहतक(अनिल कुमार )
सामाजिक जिम्मेदारी और पत्रकारिता का पेशा कई बार ऐसे दोराहे पर ले आता है कि इंसान को रास्ता चुनना मुश्किल हो जाता है । CBSE के पेपर लीक मामले में वरिष्ठ पत्रकार पवन बंसल के साथ भी परसों ऐसा ही हुआ । बुधवार को हुए दसवीं के पेपर के लीक होने की सूचना पवन बंसल को पहले ही मिल गई थी । पेपर लीकेज मामले की खबर उन्होंने अपने नियमित कॉलम गुस्ताखी माफ में सोशल मीडिया पर जारी की थी । साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस मामले में ट्वीट भी किया था जिस कारण यह पेपर रद्द हो गया । पवन बंसल का कहना है कि लाखों छात्रों के भविष्य को देखते हुए एक बार यह ख्याल भी आया था कि पेपर लीकेज का भंडाफोड़ होने से छात्रों को फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी । बतौर पवन बंसल छात्रों की मानसिक पीड़ा को समझते हुए मन में यह भी आया कि हो सकता है अभिभावक भी मेरी इस ‘गुस्ताखी’ से टेंशन में आ जाए लेकिन अगले ही पल मेरी अंतरात्मा ने मुझे पत्रकारिता धर्म का एहसास कराते हुए इस मामले का भंडाफोड़ करने के लिए प्रेरित किया ताकि शिक्षा माफिया को उसके किए की सजा मिल सके। इस पेपर लीकेज मामले से जिन छात्रों को मानसिक पीड़ा हुई है पवन बंसल ने उनसे क्षमा याचना की है । साथ ही कहां है की जब तक शिक्षा को धंधा बनाकर विद्यार्थियों के भविष्य से खेलने वालों को कड़ी सजा नहीं मिल जाती वह चुप नहीं बैठेंगे। शायद अभिभावक और विद्यार्थियों को भी असल संतुष्टि तभी होगी।
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