Haryana
भाजपा सरकार की नीतियों के चलते सडक़ों पर कर्मचारी: बिश्रोई
उकलाना: अमित प्रदेश सरकार की निजीकरण को बढ़ावा देने, कर्मचारी विरोधी नीतियों तथा हठधर्मिता के कारण राज्य की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार की तानाशाही से परेशान होकर रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चार साल बीत जाने के बावजूद भी खट्टर सरकार कोई अनुभव नहीं ले […]
उकलाना: अमित
प्रदेश सरकार की निजीकरण को बढ़ावा देने, कर्मचारी विरोधी नीतियों तथा हठधर्मिता के कारण राज्य की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार की तानाशाही से परेशान होकर रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चार साल बीत जाने के बावजूद भी खट्टर सरकार कोई अनुभव नहीं ले पाई। यही कारण है कि आज राज्य का कर्मचारी, किसान, व्यापारी से लेकर हर वर्ग भाजपा के खिलाफ सडक़ों पर उतरने के लिए मजबूर है। रोडवेज हड़ताल से आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना तो करना ही पड़ रहा है। वहीं सरकारी राजस्व को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। प्रदेश सरकार को तुरंत रोडवेज कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाकर उनकी मांगें स्वीकार करनी चाहिए। यह बात विधायक रेनुका बिश्नोई ने मंगलवार को हलके के आधा दर्जन गांवों में अनेक जलपान कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान लोगों से बातचीत करते हुए कही। इस दौरान गांव में पहुंचने पर रेनुका बिश्नोई का ग्रामीणों ने फूल मालाओंए लड्डूओं से तोलकर स्वागत किया गया।
बिश्नोई ने कहा कि राज्य के परिवहन बेड़े में सरकारी बसें शामिल करने, ड्राईवरों, कंडक्टरों की भर्ती करने की बजाय सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचने के लिए 700 निजी बसें शामिल करना चाहती है। जो कि रोडवेज कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे युवाओं से भी खिलवाड़ है। निजीकरण से किसी का भी भला होने वाला नहीं है। इसलिए सरकार को अपना ये रवैया छोडक़र रोडवेज में सरकारी भर्तियां करने को तरजीह देनी चाहिए। पिछले लोकसभा चुनाव में विरोधियों के षडयंत्र से हिसार लोकसभा क्षेत्र काफी पीछे चला गया था। क्योंकि वह चुनाव अगर कुलदीप जीत जाते तो क्षेत्र का खोया मान-सम्मान वापस आता और इलाके की चौधर भी वापस आती। चौ. भजनलाल की तरह कुलदीप बिश्नोई ही इलाके का भला कर सकते हैं और उकलाना में जो आज बिजली, पानी, सीवरेज, युवाओं को रोजगार की कमी जैसी समस्याएं वह सब कुलदीप ही दूर सकते हैं।
इस मौके पर द्वारका प्रसाद, संजय गौतम, नफे सिंह पूनिया, कुलदीप पूनिया, संदीप पूनिया, संजय बनभौरी, महावीर पूनिया, रमेश डुल्ट, सुभाष टाक, सुरेेश किरोड़ी, रामफल बूरा, पाऊ रंधावा, आदि मौजूद रहे।