सत्यखबर निसिंग। (सोहन पोरिया) – एक तरफ तो पर्यावरण संरक्षण के बढ़ावे को लेकरअभियान के तहत लोगों को पौधारोपण के प्रति जागरूक कर प्रेरित किया जाता है। हरवर्ष लाखों पौधो रोपित किए जाते है। वहीं कुछ लोग अपने नीजि फायदे के लिए ट्रकों में ओवरलोड़ धान भरकर बेखोफ पेडों को नुकसान पहुंचा रहे है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ उचित कार्यवाही अमल में नही लाई जा रही। व्यापारियों द्वारा प्रदेश की विभिन्न मंडियों से खरीदे गए धान को वाहनों में ओवरलोड भरा जाता है।
जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचसते समय ओवरलोड़ वाहन सडक़ पर हिचकौले खाते हुए चलते है। कई बार पेडों में टकराकर वाहनों से धान के बैग भी नीचे गिर जाते है। जिससे लोगों में निरंतर हादसों का अंदेशा रहता है। वहीं ओवरलोड़ वाहन पेडों में टकराकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे है। खासकर ओवरलोड़ वाहन सडक़ किनारें खड़ीे हरियाली की बलि चढ़ा रहे है। सोमवार को कैथल रोड़ पर राईसमिलों के पास जरूरत से ऊंचे भरा एक ट्रक पेड़ में टकरा गया। जिससे पेड़ का बहुत बड़ा हिस्सा टूट गया।
लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी ओवरलोड वाहनों पर शिंकजा कसने में हिलाहवाली बरत रहे है। सडक़ पर हररोज अव्यवस्था फैलने से जाम की स्थिति बनी रहती है। धान से भरी गाडियों को मिलों में खड़ा करने की बजाय सडक़ों के दोनों किनारे पर साईड़ दबाकर खड़ा किया जाता है। जिससे सडक़ संकरी बनने से एक समय में एक वाहन ही गुजर पाता है। लोगों को आवागमन में परेशानी झेलने के साथ ही गंतव्य तक पहुंचने में देरी हो जाती है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी सडक़ पर लोगों की समस्याओं के प्रति गंभीर नही है। यदि होते तो नियमों को ताक पर रखकर सडक़ों पर ओवरलोड वाहन नही दौड़ते। लगता है या तो विभाग की नींद नही टूटी या फिर अधिकारी किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।
इस संबंध में विभाग में संपर्क करने पर जोगिंद्र ढूल का कहना था कि ट्रक ओवरहाईट है, ओवरलोड़ नही है। वहीं कार्यवाही के दौरान अक्सर चालक गाडी छोडक़र भाग जाते है। स्थानीय पुलिस को इनपर कार्यवाही करनी चाहिए।
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