सत्यखबर, अजमेर
अनगिनत अपराध करके कुख्यात गैंगस्टर बना विक्रम उर्फ पपला गुर्जर अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से नारनौल की नसीबपुर जेल पहुंच चुका है। पपला को जेल के भीतर अलग बैरक में रखा गया है। उस पर जेल में भी कड़ा पहरा रहेगा। गुरुवार को मर्डर के मामले में उसकी नारनौल कोर्ट में पेशी थी, जहां से उसे नसीबपुर जेल में रखने के आदेश हुए। 9 अक्टूबर को फिर से सुनवाई हैं। गैंगस्टर पपला गुर्जर की अपराध की दुनिया में आने की कहानी एक तरह से काफी फिल्मी है। अपने गुरु की हत्या का बदला लेने के लिए उसने जुर्म की दुनिया में लगातार अपराध किए और अब पिछले 9 माह से जेल की सलाखों के पीछे है। 8 माह उसके ऐसी जेल में बीते हैं, जहां से वह रो-रोकर खुद को किसी दूसरी जेल में शिफ्ट कराने की गुहार लगाता रहा। पपला को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसकी गर्लफ्रेंड जिया के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे सुरक्षा की दृष्टि से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया था।
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राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खेरोली में विक्रम उर्फ पपला गुर्जर का जन्म हुआ था। आज से 7 साल पहले तक वह एक नामी पहलवान कहलाता था। लेकिन 4 फरवरी 2014 को उसके गुरु शक्ति गुर्जर की संदीप फौजी नाम के शख्स ने रंजिश के चलते हत्या कर दी थी। अपने गुरु की हत्या का बदला लेने की खुन्नस पाले पपला गुर्जर ने जनवरी 2015 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। बदले की आग में झुलसे पपला गुर्जर ने जनवरी 2015 में संदीप फौजी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। साथ ही संदीप की हत्या में जो भी गवाह बना, उसे पपला गुर्जर ठिकाने लगाता चला गया।
पपला गुर्जर पर संदीप की मां बिमला, मामा महेश और नाना श्रीराम की हत्या का भी आरोप लगा। 21 अगस्त 2015 को खेरोली में हुए हत्याकांड के मामले में पपला गुर्जर नामजद था। उसके बाद 2016 में उसे गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन सितंबर 2017 में कोर्ट में पेशी के दौरान उसके साथी बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर उसे छुड़ा लिया था। पपला गुर्जर को इसी साल 28 जनवरी 2021 को राजस्थान की स्पेशल फोर्स ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसकी गर्लफ्रेंड जिया के साथ गिरफ्तार किया था। लंबी चली रिमांड अवधि के बाद उसे सुरक्षित रखने के लिए 15 फरवरी को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया था। अजमेर जेल उसे शुरू से ही रास नहीं आया। पपला ने अजमेर जेल से किसी दूसरी जेल में शिफ्ट किए जाने की मांग को लेकर कई बार अपने वकीलों के जरिए कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी, लेकिन उसकी कोई दलील काम नहीं आई।
29 जुलाई 2021 को पपला ने अपने वकील के जरिए नारनौल कोर्ट में अपील की कि उसके ऊपर सबसे ज्यादा मुकदमे महेन्द्रगढ़ जिले में हैं। कुछ मामलों में वह भगौड़ा घोषित हो चुका है। उसके बावजूद उसे महेन्द्रगढ़ पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर नहीं ले रही। अर्जी पर सुनवाई करते हुए नारनौल कोर्ट ने 30 सितंबर को पपला गुर्जर को पेश करने का आदेश दिया था। अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से निकालकर पपला गुर्जर को नारनौल की कोर्ट में पेश किया गया। एडिशनल सेशन जज सधीर जीवन की कोर्ट ने उसके वकील की अर्जी को स्वीकार करते हुए उसे नसीबपुर जेल में ही रखने का आदेश दिया। पपला के नसीबपुर जेल में आने के बाद हरियाणा पुलिस ने जेल की सुरक्षा और ज्यादा कड़ी कर दी है पपला गुर्जर पर हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी कई मामले दर्ज हैं। 6 सितंबर 2019 को चैकिंग के दौरान राजस्थान की बहरोड़ थाना पुलिस ने उसे मोटी रकम के साथ हिरासत में लिया था। उस वक्त पुलिस पपला को पहचाने में गच्चा खा गई थी। उसे सामान्य बदमाश समझ कर बहरोड़ थाना के लॉकअप में रखा गया था। उसी दिन सुबह पपला के साथियों ने एके-47 से बहरोड़ थाना पर हमला बोलते हुए पपला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था।
बड़ी मशक्कत के बाद इसी साल 28 जनवरी को राजस्थान पुलिस ने पपला को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसकी गर्लफ्रेंड जिया के साथ गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही पपला को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया था। उसकी गर्लफ्रेंड करीब 2 माह तक अलवर जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर है। अब पपला का नया ठिकाना नारनौल की नसीबपुर जेल है।
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