सत्यखबर, नई दिल्ली
जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिकी सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया था।
जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। अमेरिका अपने दूतावासकर्मियों को निकालने के प्रयासों को तेज कर रहा है। इसके लिए सैनिकों को भी भेजा गया है। बता दें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने सैनिकों को यहां से निकालने का बड़ा फैसला लिया था। सैनिकों की वापसी एक मई से शुरू हुई थी और उसके बाद से ही तालिबान देश में पैर पसारता चला गया।
काबुल के दरवाजे पर खड़े आतंकी
तालिबान चारों तरफ से राजधानी काबुल की तरफ बढ़ रहा है। रिपोट्र्स के मुताबिक उसने अपने लड़ाकों को आदेश दिया है वह काबुल के दरवाजे पर ही खड़े रहें और शहर पर ताकत के बल पर कब्जा नहीं किया जाएगा। हालांकि वहां से गोलियां चलने की आवाजें साफ सुनाई दे रही हैं। अफगानिस्तान सरकार के आंतरिक मंत्री की ओर से ब्यान जारी कर कहा गया है कि तालिबान चारों तरफ से काबुल की तरफ बढ़ रहा है।
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देश के बड़े हिस्से पर कब्जा
इससे पहले खबर आई थी कि तालिबान ने देश के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से के अधिकतर इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया है। अब केवल पूर्वी हिस्से ही अफ गान सरकार के हाथ में बचे हैं। वहीं दूसरी ओर हजारों आम लोग काबुल में उद्यानोंऔर खुले स्थानों में शरण लिए हुए हैं। काबुल में रविवार को शांति रही लेकिन कई एटीएम से नगदी निकासी बंद हो गई। निजी बैंकों के बाहर सैकड़ों की तादाद में जमा लोग अपनी जीवनभर की पूंजी को निकालने की आस लगाए एकत्रित हुए। देश के भीतर ही शरणार्थी संकट खड़ा हो गया है। लेकिन अब काबुल भी खतरे में है।
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