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हरियाणा सरकार के ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ अभियान में आज उस वक्त एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई जब राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडेड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की शुरूआत की। इस पायलट योजना में सिरसा, फतेहाबाद, करनाल, यमुनानगर और पंचकुला जिलों को शामिल किया गया हैं। इन जिलों में ट्रायल सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रदेश के डिपो-होल्डरों के माध्यम से राज्य के ग्रामीण एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ भी असानी से ले सकेंगे। उपमुख्यमंत्री, जिनके पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां कान्फेड के तीन प्रोजेक्ट्स की शुरूआत की। ये तीनों ही ग्रामीण हरियाणा के लोगों के हित में एक ऐतिहासिक कदम है।
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दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य कान्फेड के माध्यम से प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है, जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियां द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है। उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना से जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि फिलहाल प्रदेश के पांच जिलों यमुनानगर, सिरसा, करनाल, फतेहाबाद और पंचकुला में आठ सप्ताह के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें 140 एफपीएस के मालिक डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के उत्पादों को बेचेंगे। इससे एफपीएस मालिकों के राजस्व में वृद्धि होगी।
डिप्टी सीएम ने बताया कि कान्फेड भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोग से एफपीएस में ही एक ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) स्थापित करेगा, जो बैंक द्वारा संचालित वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने में सहायता करेगा। उन्होंने बताया कि चयनित एफपीएस मालिक एसबीआई के खुदरा विक्रेता के रूप में कार्य कर सकेंगे। ये एफपीएस मालिक ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त होगा। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत आज ही दो जिलों सिरसा और करनाल में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने सी-एसएमआरटी (कान्फेड-सर्विलांस, मॉनिटरिंग, रियल-टाइम) नामक एक नया ऑनलाइन मोबाइल एप्लिकेशन भी लांच किया। यह एप निर्धारित समय में सार्वजनिक वितरण से जुड़े लॉजिस्टिक्स को बनाए रखने और ट्रैक करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि इससे पीडीएस से जुड़ी वस्तुओं की पारदर्शिता और सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने में मदद करेगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि इन तीन प्रोजेक्ट्स से जहां डिपो-होल्डरों को वित्तीय लाभ होगा, वहीं आम जनता को काफी लाभ होगा। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के दौरान कान्फेड हितधारकों और ग्राहकों को होने वाले लाभ की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी, अगर ये प्रोजेक्टस अनुकूल रहे तो इनको पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
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