सत्यखबर, पंचकुला
हरियाणा के निदेशक मौलिक शिक्षा के सहायक निदेशक ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारियों को जारी उक्त आदेशों में सपष्ट किया गया है कि उनके कार्यालयों में भी कार्य कर रहे शिक्षकों को तुरंत स्कूलों में भेजकर शिक्षक का कार्य लें।
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विभाग के इस निर्णय से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें कि फिलहाल तक सरकार सरकारी शिक्षकों से केवल पढ़ाई का ही नहीं बल्कि दर्जनों अन्य कार्य भी लेती रहती है। जिस पर एतराज जताते हुए शिक्षकों के संगठन प्रदर्शनों के माध्यम से भी और व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर भी यह मांग कर चुके थे कि उनसे शिक्षा के अलावा कोई कार्य न लिया जाए, क्योंकि इससे उनके विषय की पढ़ाई में बाधा पहुंचती है। अब मंगलवार को निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा के आदेशों के बाद कोई भी शिक्षक किसी भी गैर शिक्षणिक कार्य में सेवा नहीं देगा। यदि शिक्षक की इच्छा हो तो परिवार पहचान जैसे समाज सेवा के कार्य कर सकता है। हालांकि विभाग की तरफ से कोई दबाव नहीं है। पत्र में कहा गया है कि कई जिलों में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तो कई जिलों में खण्ड शिक्षा मौलिक अधिकारी के कार्यालय में स्कूलों के शिक्षकों से कार्य लिया जा रहा है। जिससे बच्चों की पढ़ाई में बाधा पहुंचती है। जिसकी वजह से देश का भविष्य बच्चे राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए यह आदेश दिए गए हैं कि कार्यालयों, प्रबंधन
पर्यवेक्षण व प्रशिक्षण आदि कार्यों के लिए स्कूली शिक्षकों की डयूटी नहीं लगाई जाए ताकि वह अपने विद्यार्थियों का जीवन सुधार सके। दरअसल पहले ही कोरोना की वजह से देश भर के विद्यार्थी स्कूलों में नहीं जाने से पढ़ाई में कमजोर हो चुके हैं। कम समय में शिक्षकों का सलेब्स पूरा करना है। जिसके लिए अब समय कम ही बचा।
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