सत्य खबर
मिलर्स-आढ़तियों के विरोध के कारण प्रदेश में 5 दिन बाद भी धान खरीद सुचारु नहीं हो पाई। हालांकि गुरुवार को दोपहर बाद अम्बाला, यमुनानगर में खरीद सामान्य हो गई, लेकिन कुरुक्षेत्र में खरीद नहीं हो पाई और कैथल, करनाल में खरीद की महज औपचारिकता पूरी की गई। अम्बाला की 7 मंडियों और तीन परचेज सेंटर में करीब 4.31 लाख क्विंटल धान पहुंच चुका है, जिसमें से गुरुवार शाम तक 89 हजार 882 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है।
अभी भी मंडी में 3 लाख 48 हजार क्विंटल धान मंडियों में पड़ा हुआ है। डीएफसी अम्बाला अनिल कुमार ने सभी मंडियों में धान की खरीद शुरू हो चुकी है। करनाल में राइस मिलर्स के बगैर पीआर धान की खरीद मात्र औपचारिकता बनकर रह गई। खरीद एजेंसियों के पास संसाधनों के अभाव में पूरी मंडी में न तो खरीद ही कर पाए और न ही उठान हो पाया है। व्यवस्था बेपटरी है। डीसी निशांत कुमार यादव ने आढ़तियों के पदाधिकारियों के साथ एक घंटे की मीटिंग के बाद मना लिया है, खरीद शुरू भी हो गई। आढ़तियों का कहना है कि खरीद शुरू करने का मात्र नाम ही है। मंडी तो धान से भर गई है। बिना राइस मिलों के काम नहीं चल सकता, जबकि मिलर्स मांगों पर अड़े हैं।
विरोध : कैथल में किसानों ने दिया धरना, राजौंद में लगाया गया जाम
कैथल की अनाजमंडी में गुरुवार को पीआर धान की खरीद नहीं हो पाई। गुस्साए किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को बाहर निकालकर धरना प्रदर्शन किया। देर शाम तक एसडीएम यहां पर एजेंसी अधिकारियों की मीटिंग लेकर प्रयास करते रहे, लेकिन बात नहीं बनी। पूंडरी की अनाजमंडी से खरीद के दूसरे दिन फूड सप्लाई एजेंसी ने लगभग 4 हजार क्विंटल धान खरीदा। गुहला चीका में वेयरहाउस एजेंसी द्वारा 1455 क्विंटल धान की खरीद की गई। वहीं राजौंद में खरीद न होने को लेकर असंध मार्ग पर जाम लगाकर किसानों ने रोष जताया। थाना प्रभारी चंद्रभान ने समझा बुझाकर जाम खुलवाया। पिछले पांच दिनों से किसान फसल लाए हुए हैं, लेकिन खरीद नहीं हुई।
https://sat.magzian.com/%e0%a4%a1%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%b8-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b8/
यमुनानगर : दोपहर बाद जिले की सभी मंडियों में शुरू हो पाई धान की खरीद
धान खरीद को लेकर दो दिन से चल रहा गतिरोध व धरना-प्रदर्शन के दौर को तोड़ने में गुरुवार को अधिकारी सफल हो गए। गुरुवार को किसान तो शांत थे पर आढ़ती सुबह से हड़ताल जारी रख मार्केट कमेटी आॅफिस के बाहर कुर्सी डाले बैठे थे। खरीद नहीं हो पा रही थी। दोपहर को डीसी मुकुल कुमार की अध्यक्षता में अधिकारियों की आढ़तियों के साथ बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि अभी तो जो धान मंडी में आ चुकी है, वह पूरी खरीदी जाएगी। उसके गेट पास बना दिए गए हैं। वहीं खरीदी गई धान का उठान किया जाएगा। इससे सूखने पर आढ़तियों को नुकसान होगा। सभी मंडियों में दोपहर बाद खरीद शुरू हो गई। इससे मंडियों के फड़ों पर कई दिन से पड़े धान के कुछ दिनों में सिमटने के आसार हैं। प्रशासन का प्रयास तेजी से बोली कराने का है, ताकि किसानों को मंडियों में ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े।
24 घंटे में उठान नहीं तो बदलेंगे ठेकेदार
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया कि राइस मिलर्स की मांग के अनुरूप ज्यों-ज्यों धान की खरीद होगी, त्यों-त्यों आढ़तियों द्वारा उसी दिन बिलिंग की जाएगी। धान का उठान 24 घंटे में होगा। विभाग द्वारा ट्रांसपोर्ट्स को दिशानिर्देश जारी किए हैं, यदि 24 घंटे में उठान करने में असमर्थ रहता है तो ठेकेदार को बदल कर किसी और से उठान कराया जाएगा।
Domestic aluminium scrap market Aluminium scrap import regulations Metal recuperation yard