सत्य खबर,सफीदों (महाबीर मित्तल)
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की याद में रविवार को नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। क्षेत्रभर के किसान सुबह की नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक पर पहुंच गए थे और वहां करीब 2 घंटे बैठकर शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान किसानों ने शहीद किसानों की आत्मा की शांति के लिए अरदास की। अपने संबोधन में किसानों का कहना था कि किसान और किसानी को ख़तम व पूंजीपति घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इन तीन काले कानूनों को लेकर आई है। देश का किसान इतनी भयंकर सर्दी और कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है लेकिन सरकार हठधर्मिता अपनाकर आंखें मूंदे बैठी है। जो किसान इस देश का पेट पालता है वह अपने हकों को लेकर सडक़ों पर है।
किसानों का कहना था कि मौजूदा सरकार ने एसवाईएल के पानी के लिए पहले तो कुछ नहीं किया और अब जब किसान कानूनों के खिलाफ सडक़ों पर बैठ गए तो अब सरकार को एसवाईएल नहर की याद आई गई। दरअसल सरकार एसवाईएल के बहाने पंजाब व हरियाणा के किसानों के भाईचारे को खराब करना चाहती है।
किसानों को सबसे पहले अपनी जमीनें बचानी है उसके बाद एसवाईएल की सोची जाएगी। जब जमीने ही किसानों के पास नहीं रहेगी तो वह एसवाईएल का पानी किस काम आएगा। भाजपा सरकार ने एसवाईएल को लेकर उपवास कार्यक्रम रखवाया जोकि सरकार का उपहास कार्यक्रम रहा। सरकार के नेता व कार्यकर्ता सरेआम नाश्ता व भोजन करते हुए दिखाई पड़े। किसानों ने सरकार से मांग की कि वह किसानों की बातों व मांगों को सुने और इस धरने को प्रदर्शन को खम्त्म करवाएं। सरकार को चाहिए कि वह अपनी हठधर्मिता को छोडक़र तीनों काले कानूनों को तम्त्काल प्रभाव से वापिस ले।
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