सत्य खबर, नई दिल्ली
पाकिस्तान नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि के बाद हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गये, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है. खान को हटाये जाने के बाद सदन के नये नेता के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने पहले ही ऐलान किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे.
ऐसे में शहजाब शरीफ रविवार को देश के नये प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं. शहबाज ने संकल्प जताया कि नयी सरकार प्रतिशोध की राजनीति में शामिल नहीं होगी. विश्वास मत की घोषणा के बाद शहबाज ने कहा, ‘मैं अतीत की कड़वाहट में वापस नहीं जाना चाहता. हमें इसे भूलकर आगे बढ़ना होगा. हम कोई बदले की कार्रवाई या अन्याय नहीं करेंगे. हम बिना वजह किसी को जेल नहीं भेजेंगे.’विश्वास मत के नतीजे के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर सदन को बधाई दी.
इस बीच, पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया. फैसल ने ट्वीट किया, ‘अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए. वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं.’ शनिवार को पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा.
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गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है. खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का शुभारंभ किया पिछली बार 2021 में विश्वास मत के दौरान आराम से जीत हासिल की थी. खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का शुभारंभ किया.
इसका अर्थ है न्याय के लिए आंदोलन, लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) – दो मुख्य राजनीतिक दलों के प्रभुत्व को तोड़ने के लिए संघर्ष किया. दोनों दल बार-बार सत्ता में रहे हैं जब सेना देश पर शासन नहीं कर रही थी.
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