सत्यखबर, आगरा
आगरा के थाना मलपरा में सड़क निर्माण की मांग को लेकर पिछले बीस दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने बड़ा कदम उठाया। जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद भी जब विकास कार्य नहीं हुए तो नाला निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठी किसान नेता सावित्री चाहर ने जिंदा समाधि ले ली है। खबर लिखे जाने तक प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। अधिक देर तक जमीन के अंदर रहने पर ऑक्सीजन की कमी से महिला की मौत भी हो सकती है। मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक बीस दिन पहले थाना मलपुरा के धनौली गांव में नाला और सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू किया था। सामूहिक मुंडन, विधायक लापता और विधायक की उठावनी जैसे प्रदर्शन करने पर जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने उन्हें बुलाकर दस दिन के अंदर निर्माण कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन बन्द कर दिया था पर लिखित पत्र न मिलने तक धरना स्थल पर ही रहने का फैसला किया था। समय बीत जाने पर भी जब कोई काम नहीं हुआ और कोई अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तो सोमवार को विरोध स्वरूप धरने का नेतृत्व कर रही सावित्री चाहर ने जमीन में समाधि ले ली है।
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बता दें की यहां के ग्रामीण सालों से विकास कार्यों के लिए परेशान हैं। यहां के युवाओं के लिए जब कोई रिश्ता लेकर आता है तो यहां के हालात देखकर शादी करने से इंकार कर देता है। गांव के कई युवक पलायन कर चुके हैं और कई युवा से अधेड़ हो गए हैं पर शादी नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों द्वारा धरना स्थल पर गांव की सड़कों पर गड्ढे की तस्वीरें लगा बैनर लगा रखा है और उसका नाम धनौली स्मार्ट सिटी रखा है।स्थानीय निवासी आशा के अनुसार एक नाला निर्माण की मांग पर आज एक महिला ने जीवन दांव पर लगा दिया है पर प्रशासन को कोई सुध नहीं है। आस पास के तमाम ग्रामीण इकट्ठा हो रहे हैं। लोग लगातार सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। मामले में जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया पर सम्पर्क नहीं हो पाया। बता दें कि सावित्री चाहर अपने हठ के लिए जानी जाती हैं। गांव की सड़क और नाले के निर्माण के लिए वो पांच साल पहले तहसील के सामने पानी की टंकी पर चढ़ चुकी हैं। इसके बाद एक बार समाधि लेने का प्रयास भी कर चुकी हैं। गांव के विकास की मांग के चलते वो एक साधारण गृहणी से किसान नेता बन चुकी हैं और क्षेत्र में ग्रामीण उनके समर्थन में है।
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