सत्य खबर । चंडीगढ़
आढ़तियों व किसानों की तरफ से आ रही भुगतान की दिक्कत के बारे में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि आढ़ती खरीदे हुए माल को आई-फार्म के तहत अगले दिन उठान करवाता है व मिल में भेजता है। फिर मिल उस माल की पहुंच की रिसिविंग देता है और कन्फरमेशन आती है कि आई-फार्म के मुताबिक माल पहुंच गया है।
इसके बाद जिला उपायुक्त या जिला खाद्य व आपूर्ति अधिकारी आई-फार्म की अप्रूवल देते हैं। इस प्रोसेस में करीब चार दिन का समय लगता है। उसके तीन दिन के अंदर-अंदर किसान या आढ़ती के खाते में पेमेंट भेज दी जाती है।
दास ने कहा कि 1 अक्टूबर को ऑनलाईन खरीद शुरू कर दी गई थी। जिनकी पेमेन्ट करनी शुरू कर दी गई है। 440 करोड़ रूपये के भुगतान के लिए बैंक के साथ प्रोसेस शुरू कर दिया गया है, जो कि धीरे-धीरे किसान या आढ़ती के खाते में भेजी जा रही है।
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दास ने बताया कि धान की खरीद के पहले हफ्ते में आफलाइन खरीद की गई, क्योंकि उस समय कुछ वो लोग पहुंच गए थे जो या तो रजिस्ट्रड ही नहीं थे या फिर बुलाए नहीं गए थे। इसलिए उनका माल आफलाइन खरीदा गया। उन्हें ई-लाइन करने का काम चल रहा है। जिसके तुरन्त बाद भुगतान कर दी जाएगा। केवल इस प्रकार के किसानों के भुगतान होने में ही देरी हो रही है।
इस मौके पर दास ने बताया कि तीन माह पहले दो ट्रक दूसरे राज्य के चावलों से भरे पकड़े गए थे। जांच के बाद एक मिलर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई। उन्होंने कहा कि इस बार मिल मालिक इस प्रकार की गलती बिल्कुल न करें। जो धान हम मिलों में भेज रहे हैं। उन्हीं का चावल बनाकर वापस लौटाएं, अगर कोई भी मीलर विभाग की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करेगा तो बख्शा नहीं जाएगा।
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