सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – रेलवे ने स्पेशल ट्रेन में वेटिंग लिस्ट को लेकर नियम तो बना दिए,लेकिन उन्हें लागू करना भूल गया। 13 मई को रेल मंत्रालय ने देश भर के प्रिंसिपल चीफ कॉमर्शियल मैनेजर (पीसीसीएम) को पत्र लिखा, जिसमें एसी और स्लीपर क्लास के यात्रियों को कितनी वेटिंग टिकट देनी है, इसका उल्लेख किया गया। एक जून से स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतरनी हैं। उनकी वेटिंग लिस्ट तय सीमा से अधिक हो रही है। वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो रहा तो लोग रद करा रहे हैं, लेकिन स्टेशनों पर यात्रियों को रद टिकट का रिफंड देने के लिए पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) के पास पैसे नहीं हैं।
अब कॉमर्शीयल विभाग अकाउंट से पैसे लेकर रिफंड देना शुरू करेगा। पत्र संख्या 2020/टीजी-1/20/डब्ल्यूएल लिमिट/स्पेशल ट्रेन/कोविड में वेटिंग लिस्ट को लेकर नियम बनाए गए थे। इसके तहत फस्ट एसी और एग्जीक्यूटिव क्लास में 20-20,सेकेंड एसी में 50,थर्ड एसी व एसी चेयर कार में 100,स्लीपर क्लास में 200 की वेटिंग रहेगी। इस पत्र की प्रतिलिपि सेंटर फार रेलवे इनफारमेशन सिस्टम (क्रिस) को भी भेजी गई, जिससे वेटिंग कम कर दी जाए।
रेलवे ने जब इन ट्रेनों के लिए टिकटों की बुकिंग तो जो संख्या तय की गई थी, उससे ज्यादा की वेटिंग दे दी गई। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर टिकट को रिफंड करवाने जा रहे यात्रियों को देने के लिए कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्रों पर राशि ही नहीं हैं। सोमवार को भी यात्रियों को बिना रिफंड ही लौटना पड़ा। अब अधिकारियों ने आदेश जारी किए हैं कि स्टेशनों पर कैश भेजा जाए ताकि यात्रियों को टिकट रद का रिफंड दिया जा सके।
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