सत्य खबर, नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र इलाके से बुधवार रात एक आरटीआई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है. आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम को अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर बेरहमी से पिटाई की. घटना के मुताबिक पिटाई के बाद बदमाश अमराराम को सड़क किनारे अधमरी हालत में फेंककर फरार हो गए. फिलहाल अमराराम को जोधपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां गंभीर हालत में उनका इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है बदमाशों ने अमराराम के पैरों पर सरियों से ताबड़तोड़ हमले किए. वहीं हथौड़े से उसके पैरों में कीलें ठोक दी और सरियों को पैर के आरपार घुसा दिया. वहीं एक स्थानीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक बदमाशों ने अमराराम को पेशाब भी पिलाया.
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम ने 2 दिन पहले शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने माफियाओं के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया था. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक अमराराम लगातार अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस तक जानकारियां पहुंचा रहा था. वहीं अमराराम ने ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर भी शिकायत की थी.
पिटाई के बाद अमराराम के हाथ-पैर हुए फ्रैक्चर
घटना के मुताबिक बुधवार शाम को जोधपुर से अपने गांव चिमोणियों की ढ़ाणी जा रहे अमराराम को स्कोर्पियो से आए 8 बदमाशों ने रास्ते में उठा लिया और कुंपलिया गांव में एक सूनसान जगह पर ले गए. बदमाशों ने अमराराम की वहां बेरहमी से पिटाई की, पुलिस ने बताया है कि पिटाई के बाद अमराराम के हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई है जिन्हें अब जोधपुर के अस्पताल में रैफर कर दिया गया है.
वहीं इस पूरी घटना पर आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम ने बताया कि जोधपुर से वापस गांव लौटते समय कुछ बदमाशों ने उन पर हमला किया जिसके बाद वह बुरी तरह घायल हो गए. अमराराम ने कहा कि उन बदमाशों के खिलाफ जल्द से जल्द पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए.
बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज
इसके अलावा इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम को इलाज के लिए पहुंचाया गया जहां पुलिस की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है. वहीं भार्गव के मुताबिक बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने चार टीमें बनाकर उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम ने हाल में अपने फेसबुक अकाउंट से लिखा था कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दे दी है, मैं आखिरी सांस तक लड़ते रहूंगा. फिलहाल पुलिस बदमाशों की तलाश कर रही है. वहीं इस मामले पर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने महानिदेश पुलिस राजस्थान, आबकारी आयुक्त उदयपुर, बाड़मेर कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
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