सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर के आर्य समाज मंदिर में शनिवार को नववर्ष, आर्य समाज स्थापना दिवस और महिला दिवस त्रिवेणी संगम धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर आर्य समाज के धर्माचार्य कमलेश शास्त्री के सानिध्य में हवन किया गया, जिसमें नगर की काफी संख्या में महिलाओं व गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर आर्य समाज के प्रधान यादविंद्र बराड़ विशेष रूप से मौजूद थे। अपने संबोधन में धर्माचार्य कमलेश शास्त्री ने कहा कि आज का दिन एक सुन्दर पवित्र संगम है। आज ही के दिन नववर्ष है, आज ही आर्य समाज स्थापना दिवस है और आज के दिन ही महिला दिवस है।
उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद की कृपा ही थी कि उन्होंने सन् 1875 में आर्य समाज की स्थापना करके उन्होंने राष्ट्र ओर नारी जाति को बहुत बड़ा सम्मान दिलाया। पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रचार के कारण लोग अपनी संस्कृति से दूर होते चले गए और उसका दुष्परिणाम यह रहा कि समाज का निरंतर पतन हुआ और हम गर्त में चले गए। महर्षि दयानंद ने समाज की जीती-जागती देवियों अर्थात महिलाओं को सम्मान दिलाने का कार्य किया।
पाश्चात्य संस्कृति का इस कदर प्रभाव रहा कि लोग अपने भारतीय नववर्ष भूल गए थे और अंग्रेजी तारीख अर्थात एक जनवरी को नया वर्ष मनाने लगे लेकिन असल में भारतीय नववर्ष का शुभारंभ आज के दिन विक्रम सम्वत नवस्वतसर है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी मातृभाषा, मातृ संस्कृति व मातृभूमि का सम्मान करें और उससे जुडक़र अपने जीवन को आगे बढ़ाएं।
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