सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर ड्यूटी के दौरान राज्यव्यापी विरोध कार्यवाही में भाग लेते हुए काली चुन्नी ओढ़कर 10 से 19 वर्ष के बच्चों को आयरन की गोली बांटी। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा, जिला जींद की सचिव राजबाला, सहसचिव जगवंती, सुषमा, उपवन और मंजू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते हुए आज स्वास्थ्य विभाग का ढांचा इस महामारी से लडऩे के लिए सबसे पहली कतारों में है। इसमें चाहे डॉक्टर हो, नर्स हो, पैरामेडिकल स्टाफ हो, ठेका कर्मचारी हो, एएनएम कर्मचारी हो या आशा वर्कर्स। ये सब अपनी जान जोखिम में डालकर देश व समाज को इस महामारी से बचाने के कार्य में जुटे हुए हैं। इनमें आशा वर्कर्स आज के दिन स्वास्थ्य विभाग की नींव है। तमाम तरह के मेडिकल सर्वे करने का कार्य आज हमारे जिम्में है। हम अपनी ड्यूटी अपनी जिम्मेदारी से निभा रही हैं, लेकिन हमे पूरे सुरक्षा उपकरण नहीं मिल रहे हैं जिसके कारण हमारी वर्कर्स सर्वे करते हुए खुद संक्रमित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इन हालातों में भी इंसेंटिव अब बेहद कम है और अन्य काम बहुत बढ़ा दिए गए हैं। सरकार ने बीमा कवरेज में भी भेदभाव किया है। डाक्टरों का बीमा 50 लाख व आशा वर्कर का10 लाख। यह भेदभाव हमें स्वीकार नहीं है। यही भेदभाव विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों व अन्य कच्चे कर्मचारियों के साथ हो रहा है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा वर्कर्स अपनी मांगो को लेकर लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए उचित दूरी रखकर अपना विरोध दर्ज करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग है कि सभी को सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाये जायें, सभी वर्कर्स की समय-समय पर टैस्टिंग सुनिश्चित हो, बीमा कवरेज एकसमान 50 लाख रूपये मिले, मानदेय, वेतन दोगुना मिले।
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