सत्यखबर, नई दिल्ली
यौन उत्पीडऩ के मामले में मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की जेल से बाहर आने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले कुछ दिन के लिए टल गई है। आज राज्य सरकार ने उसे जमानत देने का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई गर्मी के अवकाश के बाद यानी जुलाई में करने का फैसला किया है।
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बता दें कि आसाराम की तरफ से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश अंतरिम जमानत याचिका पर न्यायाधीश इंदिरा बैनर्जी व न्यायाधीश मुकेश कुमार शाह की खंडपीठ में सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई शुरू होते ही न्यायाधीश शाह ने आसाराम के वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि पिछली सुनवाई को आप उपस्थित नहीं हुए। आपके लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को छोडक़र कोलकाता हाईकोर्ट में उपस्थिति देना महत्वपूर्ण रहा। आपके लिए सुप्रीम कोर्ट की उपस्थिति पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके बाद लूथरा ने कहा कि आसाराम की तबीयत बहुत खराब है और वह अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में सुनवाई को अगले सप्ताह तक टाल देना चाहिए। मैने उसकी मेडिकल रिपोर्ट मंगाई है। राज्य सरकार को भी उसकी ताजा मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।
वहीं राज्य सरकार के वकील डॉ. मनीष सिंघवी ने कहा कि आसाराम की जमानत याचिका अब व्यर्थ है। वह अस्पताल में भर्ती हैं और गंभीर हैं। ऐसे में उसे आयुर्वेद से इलाज के लिए उत्तराखंड शिफ्ट करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ताजा हालात को देखते हुए आसाराम को एक बार फि र हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करनी चाहिए।
इसके बाद न्यायाधीश शाह ने लूथरा से पूछा कि क्या आप अपनी याचिका को वापस ले रहे हो। यह आपके लिए उचित रहेगा कि हाईकोर्ट में नए सिरे से याचिका दायर करो। इस पर लूथरा ने कहा कि वे हाईकोर्ट में इसी ग्राउंड पर गए थे, लेकिन हमारी याचिका खारिज हो गई। इसके साथ ही न्यायाधीश इंदिरा बैनर्जी ने सुनवाई को स्थगित कर दिया और कहा कि इस मामले की सुनवाई गर्मी के अवकाश के बाद की जाएगी।
बता दें कि मई में आसाराम कोरोना संक्रमित हो गया था। इसके बाद उसे पहले महात्मा गांधी अस्पताल फिर बाद में एआईआईएमएस में भर्ती करवाकर इलाज कराया गया। इस दौरान उसने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की। हाईक ोर्ट के आदेश पर एआईआईएमएस के मेडिकल बोर्ड ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसके आधार पर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उसे जमानत देने का यह कहते हुए विरोध किया कि जोधपुर में एआईआईएमएस के अलावा आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान है। ऐसे में उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है और उसे जमानत नहीं दी जाए।
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