सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 17 मार्च को हरियाणा में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था और एक हफ्ते बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पहली बार मीडिया में दावा किया कि इस संक्रमण को रोकने के लिए हरियाणा में चाइना से ‘रैपिड टेस्ट किट’ मंगवाई जाएंगी जिसके लिए एक लाख किट्स का आर्डर भी दे दिया गया है। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी विगत दिनों एक कार्यक्रम के दौरान यही बयान दोहराया और इस बयान को कई दिनों तक मीडिया में भी भुनाया गया। आज हरियाणा की आम जनता जानना चाहती है कि इन किट्स के लिए चाइना को आर्डर कब दिया, कितनी किट्स आई और कितनी वापस भेजी गई हैं?
इनेलो नेता ने सरकार के इस बयान को हास्यास्पद बताया कि पहले तो सरकार चाइना किट्स के लिए आर्डर दे देती है फिर उन किट्स को महंगी और अच्छी गुणवत्ता वाली न बताकर आर्डर रद्द कर देती है। उसके बाद सरकार द्वारा कहा जाता है कि अब ये किट्स कोरियन कंपनी से खरीदी जाएगी जो कि न केवल सस्ती हैं बल्कि मेड इन इंडिया भी हैं और केंद्र सरकार द्वारा इन किट्स के लिए मंजूरी भी दे दी गई है। एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री दावा करते हैं कि कोरियन कंपनी से 25 हजार किट्स तो खरीदी जा चुकी हैं, बाकी भी जल्द ही आ जाएंगी। इसके बाद कोरियन किट्स को भी फेल बताया गया और इस कंपनी का आर्डर भी रद्द कर दिया गया।
इनेलो नेता ने कहा कि सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट करे कि17 मार्च से लेकर 16 जून तक हरियाणा सरकार ने कितनी रैपिड टैस्ट किट्स खरीदी हैं और उन्हें किस-किस जिले में इस्तेमाल किया गया है? एक टैस्ट किट कितने रुपए की खरीदी गई है? जिन जिलों को रैड जोन माना गया है, वहां कितनी किट्स से कोरोना संक्रमितों के टैस्ट किए गए हैं? पूरे कोरोना काल में सरकार ने टैस्टिंग के लिए किस प्रक्रिया को अपनाया है, इस बाबत प्रदेश सरकार आज तक भी यही निर्णय नहीं ले पा रही है। कोरोना महामारी की आड़ में हरियाणा सरकार हजारों करोड़ के घपले कर रही है। आम जनता की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। आने वाले समय में परेशान जनता ही इनको सत्ता से बाहर कर सबक सिखाएगी।
Aluminium scrap grading standards Scrap aluminium business operations Scrap metal transportation