गौमाता है भारतीय संस्कृति की आधार स्तंभ: बचन सिंह आर्य
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: महर्षि दयानंद गौ संवर्धन केंद्र गाजीपुर (दिल्ली) के अध्यक्ष एवं हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे बचन सिंह आर्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गायों की हालत और गौहत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर दी गई टिप्पणी कि गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करके संसद में बिल पेश करने का सुझाव देने का स्वागत किया है। बचन सिंह आर्य ने कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति की आधार स्तंभ हैं। गीता में योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि गाय में मेरा वास है। महर्षि स्वामी दयांनद ने वेदों के आधार पर गौ करूणानिधि ग्रंथ लिखकर गऊ के अनेकों गुणों का वर्णन किया है।
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गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं और भारत के लोगों ने इसे मां का स्थान दिया है। विज्ञान भी गाय के महत्व को अब समझने लगा है। गौमाता से प्राप्त होने वाले पंचगव्य औषधियों का भंडार है। इन पंचगव्यों को ग्रहण करके मनुष्य के बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं। गाय से प्राप्त होने वाली सभी वस्तुएं मानव शरीर के लिए परोपकारी है। गौसेवा करने से मनुष्य के सारे कष्ट व पाप नष्ट हो जाते है। जिस घर में नित्य गौ सेवा होती है, वहीं सारे मंदिर, तीर्थ व धाम विराजमान हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है। जो मनुष्य गौ की श्रद्धापूर्वक पूजा-सेवा करते हैं, देवता उस पर सदैव प्रसन्न रहते हैं। गीता, गौ करणानिधि, ब्रह्मण्ड पुराण, महाभारत, भविष्य पुराण, स्कंद पुराणों के अलावा अनेक ग्रंथों में गाय का विस्तृत वर्णन किया गया है। बचन सिंह आर्य ने कहा कि देश की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मनोहर लाल सरकार गौ संवर्धन एवं विकास के लिए कृतसंकल्प है।
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