सत्यखबर
उत्तराखंड में कुदरत का कहर जहां रहती थी रौनक अब वहां लगे मलबे के ढेर| वही, संगम बाजार का रास्ता भी बंद हो गया है। जनहानि की अभी कोई सूचना नहीं है। कोरोना कर्फ्यू के कारण इस क्षेत्र में लोगों की आवाजाही बंद थी। लेकिन फिर भी टीम रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई है। बता दें कि तीन मई को चमोली जिले के घाट ब्लाक में बिनसर पहाड़ी की तलहटी में तीन अलग-अलग जगहोंं पर बादल फटने की घटना से घाट बाजार में तबाही मच गई थी। मलबे में 30 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 25 दुकानों में मलबा घुसने से लाखों का सामान नष्ट हो गया।
इसके बाद सात मई को नई टिहरी में जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला (ढुंगमंदार) में भी बादल फटने के कारण भारी नुकसान हुआ था। कई घरों में मलबा घुस गया जबकि गांव के करीब 16 लोगों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
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ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिर हुई बारिश-बर्फबारी
चमोली जनपद में इन दिनों दोपहर बाद रोज बारिश और बर्फबारी हो रही है। मंगलवार को भी बदरीनाथ धाम की चोटियों के साथ ही जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। गोपेश्वर में ड्रेनेज सिस्टम सही न होने से बारिश का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है।
बारिश, बर्फबारी से जिले में मौसम ठंडक भरा हो गया है। वहीं आपदा प्रभावित घाट ब्लॉक में लोग बारिश होने पर सहम जा रहे हैं। गोपेश्वर के साथ ही जोशीमठ, पीपलकोटी, पोखरी, घाट, नंदप्रयाग, उर्गम, निजमूला घाटी में भी बारिश का दौर जारी है।
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