सत्यखबर, पलवल
पलवल सहकारी चीनी मिल का वर्ष 2019-20 का 158 दिनों का पिराई सत्र तीन महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ संपन्न हुआ। जिनमें पहली उपलब्धि इस बार क्षेत्र के किसानों से 27 लाख 12 हजार 077 क्विंटल गन्ना लिया गया जोकि बीते सीजन से करीब दो लाख क्विंटल अधिक रहा। दूसरी चीनी की औसत बिक्री दर इस बार 3297.65 रुपए प्रति क्विंटल जोकि बीते सीजन से करीब 200 रुपए प्रति क्विंटल अधिक रही। वहीं चीनी मिल की तीसरी उपलब्धि राज्य स्तर पर रही जोकि शुगर रियलाइजेशन रेट के मामले में जनवरी, मार्च व अप्रैल के महीने में पलवल की मिल राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों में पहले स्थान पर रही।
कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों से दो लाख क्विंटल ऐसा गन्ना भी मिल द्वारा खरीदा गया जिसका उपयोग रस निकालने में होना था। लॉकडाउन के दौरान गन्ने का रस निकालने वाले खरीददार न मिलने के कारण किसानों के सामने फसल की बिक्री को लेकर संशय बना हुआ था। मिल ने किसानों से गन्ने की अतिरिक्त खरीद की और किसानों की बड़ी परेशानी का भी हल कर दिया।
*उपलब्धियों के लिए किसानों को दी बधाई*
पलवल सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष एवं उपायुक्त नरेश नरवाल ने इन उपलब्धियों के लिए क्षेत्र के किसानों, मिल प्रबंधन, शेयरधारकों व कर्मचारियों को बधाई दी। मिल ने गन्ना उत्पादक किसानों को मार्च 2020 तक का सारा भुगतान कर दिया और बाकी किसानों को भी शीघ्रता से भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 1973 में पंजीकृत चीनी मिल का एरिया 32 किलोमीटर में फैला और 400 गांवों के गन्ना उत्पादक किसान इस मिल से लाभांवित होते हैं। वर्तमान में मिल के 41551 शेयर धारक हैं और मिल क्षेत्र के 14700 एकड़ क्षेत्र में गन्ना उत्पादन करने वाले करीब 3000 किसानों से मिल गेट व 19 पर्चेज सेंटर्स के माध्यम 27 लाख 12 हजार 077 क्विंटल गन्ना मिल को प्राप्त हुआ।
*तकनीकी अड़चन के बावजूद टारगेट से अधिक खरीद*
उपायुक्त ने बताया कि इस बार सीजन का पिराई सत्र बीती 12 दिसंबर को आरंभ हुआ था शुरुआत में आई तकनीकी अड़चनों के चलते कुछ दिन पिराई का कार्य भी लेट हुआ लेकिन किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार के निर्देश पर क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसानों के गन्ने की खरीद जारी रही और मिल प्रबंधन ने कुशलता से 23 लाख 24 हजार 800 क्विंटल गन्ने की मिल में पिराई की गई तथा तीन लाख 87 हजार 277.23 क्विंटल गन्ना रोहतक व महम की शुगर मिलों को अपने खर्च पर डायवर्ट किया। गन्ने की यह खरीद सीजन आरंभ होने से पहले लिए गए 27 लाख क्विंटल के लक्ष्य से भी अधिक रही।
*वर्तमान सीजन में यह भी रही उपलब्धियां*
चीनी मिल में हुए इस सीजन के दौरान उत्पादन की जानकारी देते हुए श्री नरेश नरवाल ने बताया कि मिल ने 2324800 क्विंटल गन्ने की पिराई कर 231625 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया। मिल का वर्र्ष 2019-20 का शुगर सेल एवरेज रेट 3297.65 रुपए प्रति क्विंटल रहा जोकि 2018-19 में 3048.30 रुपए प्रति क्विंटल था। इसी प्रकार मिल द्वारा इस वर्ष 2019-20 में मोलासिस 553.50 रुपए एवरेज रेट पर बेचा गया जोकि वर्ष 2018-19 में यह रेट 224.83 रुपए प्रति क्विंटल रहा। वहीं मिल ने बगास को इस सीजन 2019-20 में 201 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर बेचा जबकि पिछले सीजन 2018-19 में 170 रुपए प्रति क्विंटल था।
*कोविड-19 वैश्विक महामारी में निभाया अपना दायित्व*
पलवल सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक डा. नरेश कुमार ने बताया कि पिराई सत्र के दौरान पलवल सहकारी चीनी मिल के कर्मचारियों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन किया। मिल के कर्मचारियों ने 11 लाख 51 रुपए की राशि जुटाकर मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में दी।आगामी सीजन के दौरान मिल क्षेत्र में लगभग 15500 एकड गन्ने की पेडी व नौघा की पैदावार उपलब्ध होगी। उन्होंने किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि गन्ने से संबंधित किसी भी समस्या के बारे मिल के चीनी मिल व गन्ना विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है।
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