सत्य खबर, भोपाल
भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी और बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता है जिससे ये बड़ा फैसला लिया गया है। अबतक हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र जो दशकों से उपेक्षित था अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एएफएसपीए के तहत क्षेत्रों में कमी से की स्थिति में सुधार और प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से विकास का परिणाम है।
दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में अधिनियम एएफएसपीए हटाया गया है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि एएफएसपीए को तीन उग्रवाद प्रभावित राज्यों से पूरी तरह से हटा लिया गया है लेकिन अब यह तीन राज्यों के कुछ ही क्षेत्रों में लागू रहेगा।
ये होता है एएफएसपीए
सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है इसके अलावा सुरक्षा बलों को किसी की हत्या करने पर गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट प्रदान करता है। इसके कथित कठोर प्रावधानों के लिए पूर्वोत्तर के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर से कानून को पूरी तरह से वापस लेने के लिए विरोध किया जा रहा था और इसकी पुरजोर मांग की जा रही थी।
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ये कहा केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनावाल ने
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने ये एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मोदी जी ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है, जो बहुत ही स्वागत योग्य निर्णय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने उत्तर पूर्व में शांति, प्रगति और सुरक्षा का एक नया युग लाया है। एएफएसपीए के तहत क्षेत्रों में कमी से क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा। इन क्षेत्रों के लोगों की यह बहुत ही पुरानी मांग थी। इस मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रिय गृहमंत्री अमित शाह ने यह फैसला लिया। जिसका इन क्षेत्र के शांतिप्रिय लोगों को काफी फायदा होगा।
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