सत्य खबर, नई दिल्ली
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा करवाई गई जांच में साल के पहले दो महीनों यानी जनवरी और फरवरी में एयरपोर्ट पर करवाई गई जांच में हवाईअड्डा चालक, अग्निशामक और विमान रखरखाव करने वाले करीब 12 कर्मचारी काम के वक्त नशे में पाए गए। खबरों के अनुसार, इसमें इंडिगो, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन स्पाइसजेट और इंडियन ऑयल के कर्मी शामिल हैं।
गौरतलब है कि इससे उड़ान सुरक्षा को लेकर चिंताएं और बढ़ जाती है क्योंकि पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उड़ान नियामक की जांच में इससे पहले उड़ान से कुछ घंटे पहले पायलट तक नशे में पाए गए हैं। दिसबंर में हुआ नीति में बदलाव
भारत ने पिछले साल दिसंबर में उड्डयन संबंधी जांच नीति में बदलाव करते हुए अब विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में शामिल कर लिया है। रखरखाव कर्मचारी या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो कॉकपिट में किसी भी कारणवश (ऑडिट, ट्रेनिंग आदि) जा रहा हो उसका ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा इस सूची को और विस्तार देते हुए बैगेट कार्ट के चालक, लोडर्स, पुश-बैक ऑपरेटर्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को भी इसमें शामिल किया गया है। भारत ने ऐसा भारतीय एयरपोर्ट की सुरक्षा को वैश्विक बैंचमार्क के बराबर लाने के लिए किया है। पिछले साल जारी किए गिए दिशा-निर्देश के अनुसार, एल्कोहल का असर करीब 36 घंटे तक रह सकता है भले ही आपके खून में एल्कोहल का स्तर शून्य ही क्यों न हो।
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ये हो सकती है कार्रवाई
इस मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया है कि पहली बार अपराध सिद्ध होने पर शख्स को निलंबित किया जा सकता है। लेकिन अगर उसे दोबारा इस अवस्था में पकड़ा गया तो उसका एयरपोर्ट पर काम करने के परमिट रद्ध हो सकता है । खैर फिलहाल इंतजार है आरोपी कर्मचारियों पर कार्रवाही का। जिसके बाद अन्य कर्मचारी अपना स्टैण्ड निर्धारित कर सकेंगे।
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