सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। उप जिला शिक्षा अधिकारी अम्बाला सुधीर कालड़ा ने कहा कि विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा स्कूल लिविंग सर्टीफिकेट के बिना ही विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में दाखिला देने बारे लिया गया निर्णय एक क्रांतिकारी कदम है। प्राइवेट स्कूल द्वारा विद्यार्थियों को एसएलसी देने में आनाकानी करने की शिकायतें मिलने पर शिक्षा निदेशालय द्वारा उक्त निर्णय लिया गया है। इस आदेश के अनुसार अब हरियाणा में बिना स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के भी छात्र सरकारी स्कूल में दाखिला ले सकते हैं। निदेशक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अलग-अलग स्कूल मुखियाओं व अध्यापक संगठनों द्वारा विभाग के संज्ञान में लाया गया कि प्राइवेट स्कूलों के बहुत से विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों में दाखिला लेने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा उन्हें स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है। इस वजह से उनका ऑन लाइन दाखिला नहीं हो पा रहा और अभिवावकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस सम्बंध में निदेशालय ने निर्णय लिया है कि इच्छुक विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में तत्काल दाखिला दिया जाए। सरकारी स्कूल की ओर से उस विद्यार्थी के पिछले स्कूल में दाखिले की लिखित सूचना और 15 दिन के अंदर ऑन लाइन एसएलसी जारी करने का आग्रह किया जाए और अगर 15 दिन में विद्यार्थी को एसएलसी नहीं दिया जाता तो उसे एसएलसी खुद ही जारी हुआ मान लिया जाए। निदेशालय ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान किसी भी विद्यार्थी की औपचारिक शिक्षा नकारात्मक रुप से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थी अपनी इच्छा के विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए अधिकृत है।
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