सत्यखबर सफीदों, (महाबीर मित्तल) – आज हम वर्ष 2020 में प्रवेश कर रहे हैं और बीता वर्ष 2019 सफीदों इलाके के लिए अनेक खट्टी-मिट्ठी यादें छोड़कर गया है लेकिन साल के जाते-जाते प्रदेश के बनने वाले 23वें नए जिले गोहाना में सफीदों विधानसभा क्षेत्र को शामिल किए जाने की संभावनाएं या चर्चाएं यहां के लोगों का परेशान कर रही हैं। हालांकि गोहाना को जिला बनाए जाने की अनेक बार चर्चाएं चली लेकिन अब इसे जिला बनाने की कार्रवाई कागजों में शुरू हो गई है। इस मामले में हरियाणा के वित्तायुक्त एवं विभाग के मुख्य सचिव ने उपायुक्त सोनीपत डॉ अंशज सिंह गोहाना को नया जिला बनाने की कवायद शुरू करने के लिए पत्र लिखा है और इस बारे में विस्तृत प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।
उपायुक्त सोनीपत को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे यह भी बताए कि नया जिला बनाने में कितने ब्लॉक, विधानसभा, तहसील व सब तहसील शामिल किए जा सकते हैं। इस पत्र के जारी होने के बाद सफीदों विधानसभा क्षेत्र के लोगों की धड़कने तेज हो गई है और उन्होंने सफीदों को संभावित गोहाना जिला में शामिल किए जाने का विरोध शुरू कर दिया है। ऐसा नहीं है कि यह विरोध अभी शुरू हुआ है। विगत एक दशक पूर्व गोहाना को जिला बनाने की बातें शुरू हो गई थी और यहां के लोग तभी से ही इसका विरोध जता रहे हैं। करीब एक दशक पूर्व सफीदों बचाओं संघर्ष समिति का गठन करके इसका जबरदस्त विरोध किया गया था और आक्रोशित लोगों व सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं ने सरकार व प्रशासन को ज्ञापन सौंपे थे और तात्कालीन मुख्यमंत्री का पूतला भी फूंका गया था।
उस वक्त तो यह चर्चा दब सी गई थी लेकिन कांग्रेस शासन की अंतिम चरण में गोहाना में आयोजित शक्ति रैली में गोहाना को जिला बनाने की बात कही गई थी, जिस पर फिर से विरोध शुरू हुआ लेकिन उस वक्त भी यह सिलसिला थम गया और बाद में प्रदेश में मनोहर लाल सरकार बनी लेकिन मनोहर सरकार के पार्ट-2 में हाल ही में वित्तायुक्त द्वारा उपायुक्त सोनीपत को जारी पत्र ने इस बात को तो पुख्ता कर दिया है कि अब गोहाना तो जिला बनने ही वाला है। इस मसले को लेकर यहां के लोगों में विरोध के स्वर उभरने लगे है और पिछले दिनों मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम मनदीप कुमार को सौंपा गया। लोगों का कहना है कि गोहाना जिला बने इसमें उन्हे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसमें सफीदों विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया जाना किसी भी तरह से सहन नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो इसका जबरदस्त विरोध किया जाएगा और यह विरोध किसी भी स्तर पर जा सकता है।
ऐतिहासिक व महाभारकालीन सफीदों को ही बनाया जाए जिला
लोगों की मांग है कि गोहाना से पहले सफीदों को जिला बनने का हक है। यहां के लोगों का मानना है कि सफीदों महाभारतकाल से बसी ऐतिहासिक नगरी है और गोहाना बाद में बसा हुए एक कस्बा है। सफीदों में नगरपालिका बहुत पुरानी है। उसके बावजूद सफीदों से पहले गोहाना को जिला बनाया जाने का निर्णय कतई न्यायसंगत नहीं है। अगर गोहाना को सफीदों की बजाए पहले जिला बनाया जाता है तो यह सफीदों विधानसभा के लोगों के साथ बहुत बड़ी ज्यादती होगी। लोगों का कहना है कि सफीदों एक ऐतिहासिक नगरी है तथा इसका महाभारत कालीन सभ्यता में विस्तृत वर्णन है।
सफीदों के मध्य में ऐतिहासिक पौराणिक नागक्षेत्र सरोवर व तीर्थ जिसके वर्णन पुराणों व इतिहास में दर्ज है। इसके अलावा सफीदों विधानसभा के चारो ओर अनेक बड़े-बड़े पौराणिक तीर्थ स्थान है जो यहां की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं। सफीदों भौगोलिक रूप से रमणीक व सुंदर है तथा पूरे देश में वाणिज्य व व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र है। पुराने समय से ही सफीदों को तहसील का दर्जा प्राप्त है। गोहाना तहसील तो बहुत बाद में अस्तित्व में आई है। उनका कहना है कि अगर सरकार को प्रदेश में कोई नया जिला बनाना ही है तो गोहाना से पहले पुरातन नगरी सफीदों को जिला बनाया जाए। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सफीदों को गोहाना में शामिल करने से पहले सफीदों के लोगों की राय सरकार को जाननी चाहिए।
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