सत्यखबर
दीप सिद्धू ने लाल किले पर केसरी व किसानों का झंडा फहराने को सही ठहराते हुए कहा कि यह देश की विविधता का प्रतीक है। हमने राष्ट्रीय ध्वज को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि अपने ध्वज फहराकर सरकार को ताकत दिखाई है और कहा है कि किसान कुछ भी कर सकते हैं, इसलिए उनकी मांगों को पूरा करने की ओर सरकार ध्यान दे।
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दीप सिद्धू ने अपने 17 मिनट की वीडियो में कहा है कि मुझे आरएसएस का एजेंट कहा जा रहा है, जबकि मैंने तो खालसायी निशान झुलाया है। कहा कि मुझे गद्दार कहने के बजाय, किसान नेता अपने में खुद झांके। अपनी ईर्ष्या और अहंकार का दिखावा मत करो, ऐसा केवल सरकार करती है। ऐसे में आप में और सरकार में क्या फर्क है। क्या आप भी नहीं चाहते कि आम लोगों में से कोई लीडर उभरे।
अपने भागने के वीडियो के बारे में दीप ने कहा किसान यूनियनों के बंदे मेरे पीछे पड़ गए थे। सिद्धू ने कहा कि 25 की रात को ही संगत ने तय कर दिया था कि हम सरकार द्वारा तय रूट पर नहीं जाएंगे, क्योंकि किसान नेताओं ने हमें कहा था कि 26 जनवरी को दिल्ली में मार्च करेंगे। हम तभी यहां आए हैं। दीप सिद्धू ने कहा कि मैंने तो अपनी स्पीच में भी यह कहा था कि सभी लोगों को साझा फैसला लेना चाहिए। आंदोलन दोफाड़ नहीं होना चाहिए, लेकिन ये किसान नेता मुझे ही गद्दार कह रहे हैं। परतें खोलने पर आ गया तो भागने के लिए राह नहीं मिलेगी।
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