सत्य खबर, नई दिल्ली
आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को शुक्रवार 27 मई को सजा सुनाई जाएगी. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ओपी चौटाला की सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले कोर्ट ने 21 मई को दोषी करार दिया था. गुरुवार को सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सीबीआई कोर्ट शुक्रवार 27 मई को दोपहर 2 बजे सजा पर फैसला सुनाएगा. गौरतलब है कि ओपी चौटाला जेबीटी भर्ती मामले में 10 साल की सजा काट चुके हैं और पिछले साल ही उनकी सजा पूरी हुई है.
आज कोर्ट में क्या हुआ : गुरुवार को आय से अधिक मामले में ओपी चौटाला की सजा पर बहस होनी थी. ओपी चौटाला भी व्हील चेयर पर कोर्ट पहुंचे थे. ओपी चौटाला की ओर से हर्ष कुमार ने सजा पर बहस के दौरान अपना पक्ष रखा. चौटाला की तरफ से कहा गया कि मेरी उम्र 87 साल है और मैं बचपन से बीमार हूं. अब 90 फीसदी दिव्यांग हूं और सर्टिफिकेट में 60 फीसदी दिव्यांगता है. मेरी दिव्यांगता 60 से 90 फीसदी हो गई है जिसके कारण मैं खुद कपड़े नहीं पहन सकता. इसलिये मेरी उम्र और दिव्यांगता का ध्यान रखा जाए. सीबीआई के वकील ने क्या कहा : चौटाला की तरफ से 90 फीसदी दिव्यांगता की बात कही गई तो कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके पास इसका सर्टिफिकेट है.
चौटाला के वकील की तरफ से हमेशा जांच में सहयोग और जेल से 10वीं, 12वीं की परीक्षा देने की बात भी कोर्ट में बताई गई. हालांकि सीबीआई के वकील ने कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि अगर आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चौटाला को कम सजा होती है तो इसका गलत संदेश जाएगा.कितनी हो सकती है सजा- आय से अधिक संपत्ति के मामले में ओपी चौटाला को एक से 7 साल तक की सजा हो सकती है.
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कोर्ट में ओपी चौटाला की तरफ से दिव्यांगता से लेकर, जेबीटी मामले में काटी गई सजा, जांच में दिए गए सहयोग समेत अन्य मामलों का भी हवाला दिया गया. सजा पर बहस के दौरान ओपी चौटाला के वकील ने कोर्ट से उन्हें कम से कम सजा देने की गुजारिश की जबकि सीबीआई की तरफ से इस मामले में अधिक से अधिक सजा की अपील की गई.आय से अधिक संपत्ति जुटाई- ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप था. इस मामले में सीबीआई ने साल 2010 में चार्जशीट दायर की थी. जिसके मुताबिक साल 1993 से 2006 के बीच उन्होंने आय से करीब 6 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जुटाई.
गौरतलब है कि इस दौरान साल 1999 से 2005 के बीच ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे.ईडी ने जब्त की थी संपत्ति- मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दर्ज FIR में सीबीआई के अलावा ईडी ने भी चौटाला पर अपना शिकंजा कसा था. प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए चौटाला की संपत्ति जब्त की थी. जिसमें दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में 3.68 करोड़ की संपत्ति शामिल है. इसमें फ्लैट और प्लॉट से लेकर जमीन शामिल थी.
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