सत्यखबर, करनाल
हरियाणा सरकार ने करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग अधिसूचित कर दिया है। गृह विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस सोमनाथ अग्रवाल बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए पूरे घटनाक्रम की जांच करेंगे। वे एक महीने में अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
विगत सप्ताह हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में न्यायिक जांच आयोग का फैसला लिया गया था। इससे पहले करनाल में आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के दौरान पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच को लेकर सहमति बनी थी। जस्टिस अग्रवाल आयोग 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर घटित परिस्थितियों तथा पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई तथा बल प्रयोग की जांच करेगा। जांच आयोग यह पता लगाएगा कि इस तरह की परिस्थितियां क्यों और किन हालात में पैदा हुई।
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इसके लिए उत्तरदायी लोगों का पता भी आयोग लगाएगा। घटना के दौरान करनाल एसडीएम रहे आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा की भूमिका की जांच भी आयोग करेगा। आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पुलिस जवानों को निर्देश देते सुनाई-दिखाई दे रहे थे। इसमें किसानों का सिर फोड़ने जैसी बातें भी कही जा रही थी।
इसी के बाद किसान संगठन भड़के और उन्होंने करनाल में डेरा डाला। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ समझौता वार्ता के दौरान सरकार एक मृतक किसान के बेटे व पुत्रवधू को करनाल शुगर मिल में डीसी रेट पर नौकरी लगा चुकी है। किसान के परिजनों की 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की गई है। आयुष सिन्हा का तबादला करनाल से करके चंडीगढ़ किया गया था। किसानों के विरोध के चलते उन्हें लम्बी छुट्टी पर भेजा गया है।
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