सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
सरकार की कर्मचारी, मजदूर व जनविरोधी नीतियों तथा श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ एवं सभी ट्रेड यूनियनों ने एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन भेजा। इससे पहले ट्रेड यूनियनों, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर सीटू, एटक, इंटक, सकसं एवं कर्मचारी महासंघ आदि संगठनों ने केन्द्र व कई राज्य सरकारों को ओर से श्रम कानूनों में किए गये मजदूर व कर्मचारी विरोधी बदलावों के विरोध में नेहरू पार्क से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया। धरने को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता एवं सीटू के राज्य उपाध्यक्ष का. रमेश चंद्र ने कहा कि एक तरफ देश की जनता कोरोना जैसी महामारी के संकट से जूझ रही है, वहीं केन्द्र समेत विभिन्न राज्य सरकारें श्रम कानूनों में बदलाव करने या ढील दिए जाने के मजदूर विरोधी फैंसले ले रही हैं। काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे कर दिए गए हैं। कोर्ट के निर्णय की आड़ लेकर खट्टर सरकार ने गत 10 वर्षों से कार्यरत 1983 पीटीआई को हटाकर अपना कर्मचारी व जनता विरोधी क्रूर चेहरा दिखा दिया है। उन्होंने पीटीआई समेत विभिन्न विभागों से हटाये गए सभी कर्मचारियों की बहाली, हरियाणा व केंद्र सरकार की महंगाई भत्ता व एलटीसी रोकने, पुरानी पेंशन बहाल न करने, नई भर्तियों पर रोक लगाने, श्रम कानूनों के कर्मचारियों व मजदूर विरोधी बदलाव करने आदि मांगों को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने सरकार से इन्कम टैक्स के दायरे से बाहर के तमाम लोगों को 10 किलोग्राम अनाज, 1 किलो दाल और 7500 रुपये नकद राशि खाते में डालने की मांग की। इस अवसर पर कर्मबीर शर्मा, सतबीर खरल, ईश्वर सच्चाखेड़ा, मा. बलबीर सिंह, प्रदीप शर्मा, भूपेंद्र चौपड़ा, सतपाल सरोहा, जयसिंह, राजेंद्र शर्मा, शीला आदि मौजूद रहे।
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