सत्यखबर
काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली पर तालिबान ने फायरिंग कर दी। इससे मची भगदड़ में कई महिलाओं के घायल होने की खबर है। वहीं इस प्रदर्शन को कवर रहे TOLO न्यूज के कैमरामैन वाहिद अहमदी को तालिबान ने गिरफ्तार कर लिया। बता दें पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल से अफगानिस्तान के लोगों में गुस्सा है और वे लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों में काबुल के लोग गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं। ऐसा ही एक प्रदर्शन काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। यहां लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग कर दी।
काबुल में बीती रात भी महिलाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसे तालिबान के जुल्मों और पाकिस्तान की घुसपैठ के खिलाफ प्रदर्शन बताया जा रहा है। वैसे तो अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में महिलाएं पिछले कई दिनों से अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन काबुल में पहली बार रात में प्रदर्शन हुए हैं।
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बता दें तालिबान ने पंजशीर की जंग जीतकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा होने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ये लड़ाई जीती है। रेजिस्टेंस फोर्स की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने भी कहा है कि पाकिस्तान वायुसेना लगातार हमले कर रही है, ताकि तालिबान आगे बढ़ सके। अब हमारी असली लड़ाई पाकिस्तान से है, क्योंकि पाक सेना और ISI तालिबानियों का जंग में नेतृत्व कर रही है।अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तालिबान 11 सितंबर यानी 9/11 के आतंकी हमले की बरसी के दिन नई सरकार का ऐलान कर सकता है। इस बीच अमेरिका ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि तालिबान को मान्यता देना दूर की कौड़ी है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार की कमान को तालिबान के दोहा गुट, कंधार गुट और आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के बीच विवाद की खबरें थीं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की मदद से तालिबान के ऐसे सदस्य को सरकार की कमान सौंपी जा सकती है, जो ज्यादा बड़ा नाम नहीं हो। ये नेता मुल्ला हसन अखुंद हो सकता है।
पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के काबुल दौरे के दौरान मुल्ला हसन अखुंद के नाम पर सहमति बन गई थी। बताया जा रहा है कि मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब को हसन अखुंद के डिप्टी की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को भी कोई बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है। ईरान ने पंजशीर में तालिबानी हमले की निंदा की है। साथ ही कहा है कि तालिबान के हमलों में पाकिस्तान की भूमिका की जांच कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान अफगानिस्तान के अंदर ही बातचीत से होना चाहिए। साथ ही चेतावनी दी है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सभी सीमाओं का पालन किया जाना चाहिए।
तालिबान ने रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी है। तालिबान ने मीडिया को यह फरमान अहमद मसूद के उस वीडियो मैसेज के बाद सुनाया है, जिसमें मसूद ने पंजशीर के साथ ही पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ने की अपील की है। बता दें मसूद ने सोमवार को मीडिया को भेजे गए एक ऑडियो मैसेज में अफगानी लोगों से कहा, ‘आप देश के अंदर हों या बाहर, मैं आप लोगों से अफगानिस्तान की गरिमा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने का आह्वान करता हूं।’
तालिबान भले ही पंजशीर को जीतने का दावा कर रहा हो, लेकिन वहां जंग जारी रहने की खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर में कुछ सैन्य विमानों ने तालिबानी ठिकानों पर हमला किया है। यह साफ नहीं हो पाया है कि ये विमान किस देश के हैं। इससे पहले सोमवार को तालिबान ने कहा था कि उसने पंजशीर भी जीत लिया है और अब पूरा अफगानिस्तान उसके कब्जे में हैं। दूसरी तरफ रेजिस्टेंस फोर्स ने भी हार नहीं मानी है।
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