सत्यखबर कालका (यूनस सैमुएल) – कालका एवं मंढावाला बस स्टैण्ड से 30 बसों में सवार होकर 450 से अधिक सहारनपुर जाने वाले प्रवासी मजदूरों, महिलाओं एवं बच्चों के लिए आज का दिन खास था। एक तो वे अपने गांव जा रहे थे और दूसरी वजह यह रही कि जैसे ही वे बस स्टैण्ड पर पहुंचे रहे तो भाजपा नेता उनके स्वागत कर रहे थे। कालका की पूर्व विधायक लतिका शर्मा, एसडीएम राकेश संधु, तहसीलदार वीरेन्द्र गिल, इंसीडेंट कमाण्डर एन के पायल, उद्योगपति मृणाल यादव,जिला उपाध्यक्ष संजीव कौशल,मण्डल अध्यक्ष भवनजीत,नराता राणा,पूर्व मण्डल अध्यक्ष इंद्र कुमार,सुनील धीमान,किशोरी शर्मा,संत राम सँता,विनोद सावरनी सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों एवं पार्टी नेताओं के साथ कई उद्योगपतियों ने प्रवासी मजदूरों का आभार जताया और उन्हें घर की ओर रवाना किया।
कालका की पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने अपने हाथों से प्रवासी मजदूरों को सेनीटाईजर, बिस्कुट बांटते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इस क्षेत्र को औद्योगिक रूप से पिछडा क्षेत्र घोषित किया है तब से इस क्षेत्र में उद्योगों को बढावा मिला है। उन्हें आशा है कि शीघ्र ही यह क्षेत्र औद्योगिक रूप से ओर अधिक विकसित होगा और इस क्षेत्र में भारी संख्या में उद्योग स्थापित होने से लोकल लोगों के साथ ऐसे बाहरी व्यक्तियों के लिए भी रोजगार के अवसर बढेगें। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान इस क्षेत्र की स्वंय सेवी संस्थाओं ने बढचढ कर भाग लिया है तभी वे लोगों को खाने पीने रहने आदि सुविधांए मुहैया करवाने में कामयाब हुए। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य जन सहयोग के बिना पूरा नहीं होता। इसके लिए वे हल्के की जनता का भी तहदिल से आभार व्यक्त करती है जिन्होंने संकट की इस घड़ी में जरूरतमंद लोगों की सेवा की है।
एसडीएम राकेश संधु ने बताया कि पहले 15 बसें भेजने की व्यवस्था की गई थी लेकिन श्रमिकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अचानक 5 ओर बसों भेजने की व्यवस्था की ताकि इच्छुक श्रमिक आसानी से गंतव्य तक पहंुच सके। उन्होंने बताया कि कालका से 13 व 7 बसें मंढावाला से भेजी गई है और 15 बसें कल भेजी गई। इस प्रकार अब तक 35 बसों में लगभग 1100 प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है।
कालका से 13 एवं मंढावाला से 7 बसों सहित 20 बसों में सहारनपुर जाने वाले यात्रियों के लिए भी शनिवार का दिन स्पेशल रहा। एक ओर जहां हरियाणा सरकार की ओर से सभी यात्रियों के लिए टिकट, खाना, आदि की व्यवस्था की गई थी, वहीं दूसरी ओर यात्रियों के साथ जाने वाले बच्चों में बिस्किट, नमकीन एवं सेनीटाईजर वितरित किए गए। यही नहीं, आज के दिन को इन यात्रियों मे विशेषकर बच्चों के लिए यादगार बनाने के लिए पंचकूला पुलिस की मदद ने उनकी घर जाने की खुशी में इजाफा कर दिया।
आज लगातार दूसरे दिन प्रवासी नागरिकों को उनके पैतृक गांव तक सकुशल पहुचाने के लिए जिला प्रशासन ने स्पेशल बसों की व्यवस्था की गई। यह बसें 11ः15 बजे से रवाना हुई जिसमें बैठाते समय यात्रियों के साथ जा रहे बच्चों को भी फु्रटी एवं अन्य खाने की वस्तुएं दी। प्रवासी नागरिकों के लिए जाने वाली बसों में सफर करने वाले यात्रियों को रोजाना की तरह विश्व रूहानी मानव सेवा केन्द्र की ओर से 450 से अधिक फूड पैकेट दिए गए तब उनसे यह अनुरोध किया जा रहा था कि सभी श्रमिक यहां से अपने साथ अच्छी यादें लेकर जाएं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस जवान तैनात किए गए जिनमें महिला पुलिस की विशेष व्यवस्था की गई। कोरोना संक्रमण की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा था और इसके लिए प्रत्येक यात्री को खाने के साथ बिस्किट-नमकीन के पैकेट में फेस मास्क दिया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा था।
कालका से बसों में यात्रा कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए की गई व्यवस्था पर वे सरकार का अपने अलग अलग तरीके से आभार व्यक्त कर रहे थे। किसी ने कहा प्रशासन ने खाने-पीने की कमी नहीं आने दी तो किसी ने कहा कि सरकार की ओर से ठहरने में बेहतर सहायता मिली। पिछले 20 वर्षों से अपना कामकाज चला रहा खुशी नगर निवासी शम्भु गिरी ने कहा कि वह मिस्त्री का काम करता था जिससे वह अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। लाॅकडाउन के दौरान सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं से अपना गुजारा कर पाया वरना यह समय उनके लिए बहुत दुखदायी होता। सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के लिए उसने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ना केवल खाने पीने का प्रबंध किया बल्कि रात को उनके ठहरने की व्यवस्था करने के साथ साथ उन्हें कोरोना मुक्त रखने की व्यवस्था की। इसके लिए वे हरियाणा सरकार का तहदिल से जीवन पर्यन्त कृतज्ञ रहेंगें।
उतर प्रदेश के अन्य श्रमिकों में कन्हैया लाल, तुलसीदास, ईश्वरजीत, योगेश, अंजलि देवी, स्वागना देवी ने कहा कि वह पिछले 22 सालों से हिमाचल के बद्दी फैक्ट्री में कार्यरत थे। लेकिन कोरोना संक्रमण ने उनका रोजगार छिन गया। परंतु प्रदेश सरकार की मदद के कारण वह इतने लंबे समय तक यहां रूक पाये ओर उनका जीवन सुरक्षित रहा। सरकार ने हमें राशन ही नहीं उपलब्ध करवाया बल्कि उसके परिवार को भी खाना मिला। इतना ही नही, आज उन्हें प्रशासन ने बसें उपलब्ध करवाकर हमे घर भेजने का कार्य किया है जो हमारे लिए बडा ही सुखदायी हैं। उन्हांेने कहा कि वे ‘भगवान से दुआ करते हूं कि सब ठीक हो जाए और यहां वापिस आकर फिर अपना काम दोबारा शुरू करें
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