सत्यखबर
राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज किसानों के समर्थन में और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ ट्रैक्टर से संसद पहुँचे और विरोध-प्रदर्शन किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ये ट्रैक्टर आने वाली क्रांति का प्रतीक कहलाएगा। किसानों पर हो रहे अत्याचार का अंजाम आने वाला वक्त बताएगा। उन्होंने आगे कहा कि जब तक सरकार किसानों की आवाज़ नहीं सुनेगी संसद में और संसद के बाहर हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
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सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा किये बिना संसद नहीं चलेगी। अगर संसद चलानी है तो सबसे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा करायी जाए।
इससे पहले सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज लगातार चौथे दिन राज्य सभा के नियम 267 के तहत काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया और किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग उठायी। लेकिन, राज्य सभा के सभापति ने कामरोको प्रस्ताव अस्वीकार कर शोर-शराबे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी। संसद में और संसद के बाहर लगातार किसानों की आवाज़ उठा रहे दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांग नहीं मानेगी, ये लड़ाई जारी रहेगी।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अहंकार में डूबी यह सरकार न तो संसद में किसानों की आवाज़ सुन रही है न ही संसद के बाहर बैठे किसानों की बात सुन रही है। सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि उसके कान केवल अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं। संसद में विपक्ष को किसानों की आवाज़ उठाने तक का समय न देना इस बात का प्रतीक है कि सरकार किसी कीमत पर किसानों का हित नहीं होने देना चाहती। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांग नहीं मानेगी, सड़क से लेकर संसद तक ये लड़ाई जारी रहेगी।
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