सत्यखबर निसिंग (सोहन पोरिया) – आधुनीक तकनीक व मशीनीकरण की खेती की ओर लगातार किसान का रूझान बढ़ रहा है। जिससे न केवल खेती का पर होने वाला खर्च घट रहा है। बल्कि उचित समय पर कृषि कार्यो के निपटान से बंपर पैदावार के साथ ही काफी हद तक अमूल्य समय की बचत भी हो रही है। वहीं किसानों को कृषि कार्यो के लिए मजदूरों की कमी से होने वाले नुकसान से भी निजात मिल रही है। क्षेत्र में 25 अक्तूबर के आसपास गेहूं की बिजाई करने वाले किसान सिंचाई के बाद खरपतवार नाशक दवा के छिडक़ाव में जुटे है।
लंबे समय से स्प्रे हैडपंप से गेहूं में दवा का छिडक़ाव करने वाले किसानों की रूचि स्प्रे मशीन तरफ बढ़ी हुई है। जिससे किसान बहुत कम समय में दवा का छिडक़ाव कर सकता है। औंगद निवासी किसान जोनी राणा, विश्वास राणा, नरेश कुमार, कर्ण सिंह, महेंद्र शर्मा व अजीत सिंह के अनुसार स्प्रे मशीन के टैंक में एक साथ छह सौ लीटर पानी आता है। जो महज 15 मिन्ट में चार एकड़ खेत में स्प्रे करने की क्षमता रखती है। मशीन प्रति एकड़ 150 लीटर दवा के घोल का छिडक़ाव करती है। जो एक साथ 48 फूट की चौडाई में स्प्रे करती हुई खेत में चलती है।
जिसके बारीक पहियों से फसल में भी कोई नुकसान नही होता। इतना ही नही मशीन के टैंक में पानी डालने की भी जरूरत नही है। जो अपने टैंक को खुद भरती है। जो प्रति एकड़ महज एक सौ रूपए में स्प्रे कर देती है। हांलाकिे हैंड पंप से स्प्रे करने वाले मजदूर प्रति टैंक 15 से 20 रूपए लेते है। जो प्रतिएकड में आठ से दस टैंक डालते है। मशीनीकरण की खेती किसानों के लिऐ वरदान सिद्ध हो रही है।
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