सत्यखबर, बरवाला, कपिल महता
बरवाला से पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि फसलों को बेचने में पिछले छह सालों से किसानों की बीरान माटी तो पहले ही हो रही थी, लेकिन इस बार तो रह रह माटी हो रही है। हालात यह है कि सरकार द्वारा बनाए गए तथाकथित खरीद केंद्रों पर किसान पिछले कई दिनों से अपनी फसल लिए भूखे प्यासे बैठे हैं, लेकिन उनकी फसलों की खरीद नहीं हो रही।
पूर्व विधायक घोड़ेला ने कहा कि सरकार द्वारा आदमपुर खंड के गांव सीसवाल में बनाए गए खरीद केंद्र में पिछले चार दिनों से सैंकड़ो जमींदार सरसों को बेचने के लिए भूखे प्यासे बैठे हैं। इन किसानों को अभी तक फसल बेचने का टोकन भी नहीं मिला है। ऐसे में किसान अपने वाहनों सहित बिना किसी व्यवस्था के मंडी में फंसे हुए हैं। घोड़ेला ने कहा कि ऐसी स्थिति केवल गांव सीसवाल की ही नहीं है, बल्कि अन्य खरीद केंद्रों से भी ऐसी शिकायतें आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए गांव गांव खरीद केंद्र बनाने के ढिंढोरे तो पीट रही है, लेकिन जमीनी वास्तविकता कुछ और ही है। एक तरफ जहां व्यापारी वर्ग ऑनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, वहीं खरीद न होने के कारण किसान वर्ग की फसलें मिट्टी में मिल रही है। यह सरकार किसान, व्यापारी व मजदूर विरोधी सरकार है। पूर्व विधायक घोड़ेला ने कहा कि आदमपुर मंडी में सचिव व सुपरवाइजर किसी मंत्री के नाम पर खुलेआम व्यापारियों को लाइसेंस रद्द करने की धमकी दे रहे हैं, इससे बड़ी व्यापार विरोधी मानसिकता क्या होगी। उन्होंने कहा कि किसानों व व्यापारियों का भला केवल पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही कर सकते हैं। उनके कार्यकाल में न केवल किसानों को उनकी फसलों के उचित भाव मिलते थे, साथ ही फसल बेचने में भी कोई परेशानी नहीं होती थी। पूर्व विधायक ने कहा कि अब मुख्यमंत्री खट्टर को भी अपनी हठधर्मिता को छोड़कर फसल खरीद की पुरानी व्यवस्था को पुन: बहाल करनी चाहिए ताकि किसानों को फसल बेचने में परेशानी न हो।
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